Dr. Anuradha Jain
Inspirational
जो जा रहा है आज
कल उसका क्या काज
आज ही है समय का राज
कल तो है एक राज
अपनी आज पर कर नाज
छेड़ जीवन का नया साज
ना तू कल के पीछे भाग
समय का सुन राग
जो है सब कुछ है
बस आज
कब तक
है आज जिंदगी
म।क
सुहानी
एक गूंज
बंद-बंद
आज
आओ बदले
शांति
ऐसा यदि हो जा...
तुम देवी-स्वरूप हो, नारी ! तुम इस दुनिया की सबसे बेशक़ीमती दौलत हो ! तुम देवी-स्वरूप हो, नारी ! तुम इस दुनिया की सबसे बेशक़ीमती दौलत हो !
ऋण तेरा न दे सका है कोई, सब के कर्म से तेरा कर्म है भारी। ऋण तेरा न दे सका है कोई, सब के कर्म से तेरा कर्म है भारी।
नारी तुम सिर्फ नारी नहीं हो तुम एक विश्वास हो तुम एक आस हो। नारी तुम सिर्फ नारी नहीं हो तुम एक विश्वास हो तुम एक आस हो।
खुद को न इतना निराश कर भूल में अपनी तू सुधार कर खुद को न इतना निराश कर भूल में अपनी तू सुधार कर
तू सती है,तू साध्वी है,तू सावित्री है। हाॅं, तू तो नारी है,सब पर तू भारी है। तू सती है,तू साध्वी है,तू सावित्री है। हाॅं, तू तो नारी है,सब पर तू भारी है।
तुम जमाने से क्यों डर रही हो, जमाने का काम हैं कहना। तुम जमाने से क्यों डर रही हो, जमाने का काम हैं कहना।
वो मेरी माँ होने से पहले वीर विरासती महिला होने का सम्मान भी रखती हैं। वो मेरी माँ होने से पहले वीर विरासती महिला होने का सम्मान भी रखती हैं।
ऐसा कोई नहीं काम जो ना कर सको तुम ऐसा हो। ऐसा कोई नहीं काम जो ना कर सको तुम ऐसा हो।
मैं तीर हूं कमान की, निशान धनुर्धारी की.. मैं तीर हूं कमान की, निशान धनुर्धारी की..
सीता उठाये अब खुद हथियार बनाये खुद के लिए सुरक्षित संसार।। सीता उठाये अब खुद हथियार बनाये खुद के लिए सुरक्षित संसार।।
वेदो के प्रचार में अपना सारा जीवन समर्पित कर आया था। वेदो के प्रचार में अपना सारा जीवन समर्पित कर आया था।
इनकी आभा से होते जगत उज्जवलित, कलह और यातनाओं से दूर, इन्हें मुस्कान दो। इनकी आभा से होते जगत उज्जवलित, कलह और यातनाओं से दूर, इन्हें मुस्कान दो।
ऐसा कोई नहीं काम जो ना कर सको तुम ऐसा हो।। ऐसा कोई नहीं काम जो ना कर सको तुम ऐसा हो।।
उसकी होती हर जगह, जीत महाकाल से तू रख प्रीत उसकी होती हर जगह, जीत महाकाल से तू रख प्रीत
स्नेह से अपने घर-आंगन को स्वर्ग बनाती हैं बेटियां। स्नेह से अपने घर-आंगन को स्वर्ग बनाती हैं बेटियां।
सबसे बड़ी चुनौती है इस दुुनिया मेंं स्वयं को संपूर्ण निस्वार्थ भाव से संगठित कर सबसे बड़ी चुनौती है इस दुुनिया मेंं स्वयं को संपूर्ण निस्वार्थ भाव से संग...
इतवार की छुट्टी का हक़ क्या हमको मिल जाता है इतवार की छुट्टी का हक़ क्या हमको मिल जाता है
हमारे लक्ष्य को एक सही दिशा देने की ज़रूरत आन पड़ी है। हमारे लक्ष्य को एक सही दिशा देने की ज़रूरत आन पड़ी है।
मैं बाबा के कंधो पर बोझ नहीं, उनकी ताकत बनना चाहती हूं. मैं बाबा के कंधो पर बोझ नहीं, उनकी ताकत बनना चाहती हूं.
फिर हम-तुम ख़ूब उड़ाएंगे गुलाल जब होगा, भीतर से सत्य-सिंहनाद। फिर हम-तुम ख़ूब उड़ाएंगे गुलाल जब होगा, भीतर से सत्य-सिंहनाद।