आज
आज
आज दिल के बजे साज
खुद पर हुआ नाज
ठहरे कदमों का राग
उलझी रागिनियो का साज
उलझनों को तोड़ के आज
मस्तियों का हुआ राज
कुछ तो पाया है आज
दिल ने दिल से ही रखा राज
न जाने क्यों यह मौन है
सब चीज आज गौन है
वो धुंधली झलक सरीखी कौन है।
आज दिल के बजे साज
खुद पर हुआ नाज
ठहरे कदमों का राग
उलझी रागिनियो का साज
उलझनों को तोड़ के आज
मस्तियों का हुआ राज
कुछ तो पाया है आज
दिल ने दिल से ही रखा राज
न जाने क्यों यह मौन है
सब चीज आज गौन है
वो धुंधली झलक सरीखी कौन है।