आज लिखो कुछ उन मजदूरों के नाम
आज लिखो कुछ उन मजदूरों के नाम
कोरे पन्ने से पूछा मैंने,
क्या लिखूं तुझ पर आज!
कोरे पन्ने ने कहा,
आज लिखो तुम कुछ उन मजदूरों के नाम!
उनकी थमती हुई जिंदगी में उनकी उम्मीद को लिखो,
कांटों भरी राह में उनकी भूख-प्यास को लिखो,
अंधेरे में भी जीतने की ताकत को लिखो,
उन्हें चिलचिलाती धूप में मिली पनाह को लिखो,
उनके टूटते हुए ख्वाब को लिखो,
या फिर उनकी अनसुनी आवाज़ को लिखो,
लिखो आज तुम कुछ उन मजदूरों के नाम!
