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Manisha Gupta

Romance

5.0  

Manisha Gupta

Romance

आज कुछ मांगना चाहती हूँ

आज कुछ मांगना चाहती हूँ

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जान आज कुछ मांगना चाहती हूँ

आपके माथे को चुमना चाहती हूँ

गले मे बाहों का वह हार चाहती हूँ

आज आपसे कुछ मांगना चाहती हूँ।


कंधे पर सर रखकर सोना चाहती हूँ

एक दिन बस आपकी बनकर रहना चाहती हूँ

जान आज आपसे कुछ मांगना चाहती हूँ

हाथों मे हाथ डालकर चलना चाहती हूँ।


होठों की सुर्खियों को चखना चाहती हूँ

आज आपसे कुछ मांगना चाहती हूँ

आपकी आंखों को बस पढ़ना चाहती हूँ

आपकी दिल की धड़कन को सुनना चाहती हूँ।


आज आपसे कुछ मांगना चाहती हूँ

आपकी दिल मे हरदम रहना चाहती हूँ

और हां आपसे लड़ना भी चाहती हूँ

आज आपसे कुछ मांगना चाहती हूँ।


कुछ और वक्त आपके साथ बिताना चाहती हूँ

आपकी बनकर हरदम रहना चाहती हूँ।


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