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Praveen Gola

Abstract

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Praveen Gola

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आ जाओ

आ जाओ

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आज दिल बहलाने के लिए 

तुम पास मेरे आ जाओ

चाहे कोई गीत सुना जाओ

या आकर शरारत कर जाओ।


मेरा रोम - रोम पुकारे तुम्हे

कभी तस्वीरों में निहारे तुम्हे

वो बीती मोहब्बत फिर से सनम

एक बार आकर दोहरा जाओ।


हर बात लफ़्ज़ों से बयाँ करें

इतने बेशर्म भी नहीं हैं हम

तुम इशारों को समझकर जरा

इन मासूम जज़्बातों से खेल जाओ।


मैने छोड़ा नहीं था तुम्हे कभी 

तुम आज भी मेरे हो दिल में बसे

तुम चोरी से आकर इस दिल पर

अपने नाम की छाप लगा जाओ।


ये दिल बेचैन सा होकर तुम्हें

अक्सर पुकारे रात और दिन

आज दिल बहलाने के लिए 

तुम पास मेरे आ जाओ।


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