Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Chandresh Chhatlani

Drama

4.8  

Chandresh Chhatlani

Drama

बंद दरवाज़ा

बंद दरवाज़ा

2 mins
530


सूर्य उगने के साथ ही उसकी चिंता भी बढ़ती जा रही थी, रात को उसकी पत्नी ने उसकी पसंद का भोजन नहीं बनाया था तो गुस्से में उसने थाली फैंक दी, जिससे पिताजी नाराज़ होकर बाहर बने नौकर के कमरे में दरवाज़ा बंद कर बैठ गए। उसे पछतावा हो रहा था, रात में ही कितनी बार वो बाहर आया और उस कमरे के सामने जा कर पिताजी को देखने का प्रयास किया, लेकिन हर बार बंद दरवाज़ा देख अंदर लौट गया। पूरी रात ऐसे ही गुज़र गयी।

अब उससे रहा नहीं जा रहा था, वो कमरे की खिड़की पर गया और बेचैन हो कर कहा, "पापा...! बाहर आ जाइए।"

अंदर से कोई आवाज़ नहीं आई, वह और व्यग्र हो उठा।

उसने झाँक कर देखा, अंदर अँधेरा था, गौर से देखा तो उसे पिताजी पलंग पर बैठे हुए दिखाई दिये।

"अब इस उम्र में इतनी ज़िद ! रात खाना भी नहीं खाया है आपने।" चिंतातुर स्वर में उसने कहा।

"...."

"पापा, रात में गुस्सा आ गया था, आपको भी तो आता है न ?" अब उसकी आवाज़ में याचना थी।

"...."

"अब आप कुछ नहीं बोलोगे, तो मैं दरवाज़ा तोड़ दूंगा।" वो झुंझला गया।

"...."

उसकी चिंता बहुत बढ़ गयी थी, वो दरवाज़े के पास गया और अपनी पूरी शक्ति लगा कर उसे खोलने की कोशिश की।

लेकिन दरवाज़ा तो झटके से खुल गया, पिताजी ने बंद ही नहीं किया था। खुले दरवाजे से छन कर आती रोशनी में पिताजी की आँखों के ख़ुशी और गम के मिले-जुले आँसू चमक रहे थे।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama