Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

मोह मोह के धागे-4

मोह मोह के धागे-4

4 mins
675


"और कितने दिन इस लड़की को अपने साथ रखोगे ? मोहल्ले वाले तरह तरह की बातें कर रहे हैं।", राजीव के भाई ने राजीव से पूछा।

"भैया, आप इन सब में न ही पड़े तो बेहतर है और कौन से मोहल्ले वालों की बात कर रहे है आप ? जब अपर्णा मुझे छोड़कर चली गयी, तब तो इनमें से कोई भी सामने नहीं आया, उल्टा सब ने मुझे ही दोष दिया और हाँ.. इंसानियत नाम की भी कोई चीज़ होती है। उसे जब तक यहाँ रहना है वो रह सकती है।"

नैना ये सब बातें सुनकर काफी हैरान थी। आज भी इस दुनिया में ऐसे लोग है, ये जानकर उसे ख़ुशी हो रही थी। नैना घर में अकेले बोर हो चुकी थी, वो घर से बहार निकलती तो, लोग उसके और राजीव के बारे में तरह तरह की बातें करते। इन सब चीज़ों से वो परेशान हो चुकी थी पर, उसकी भी मजबूरी थी। वो इस शहर में बिल्कुल अकेली थी, और राजीव के अलावा किसी को भी नहीं जानती थी।

एक दिन जब नैना अपने कमरे को ठीक कर रही थी तब अचानक, उसके हाथो में कुछ रंग और पेंटिंग ब्रशेज़ लग गए। उसने वही पड़ा हुआ एक कागज़ उठाया और पेंटिंग करने लगी। उसने काफी ख़ूबसूरत तस्वीर बनायी थी। नैना का समय कटने लगा था, वो रोज ऐसेही ख़ूबसूरत पेंटिंग बनाने लगी। उसमें से एक पेंटिंग उसने नीचे के हॉल में लगा दी। राजीव जब शाम को घर आया तब उसने वो पेंटिंग देखी। उसने नैना को नीचे बुलाया, "ये पेंटिंग तुमने बनायी है ?", राजीव ने नैना से पूछा।

"राजीवजी, वो में घर में अकेले बोर हो रही थी तो सोचा थोड़ा पेंटिंग कर लूँ। ये सब सामान मुझे ऊपर के कमरे में मिला", नैना ने राजीव को कहा।

"हाँ... अपर्णा को पेंटिंग का शौक था, तुम्हे अच्छा लगता है पेंटिंग करना ?", राजीव ने नैना से पूछा।

"हाँ.. पहले भी में अपने खाली टाइम में पेंटिंग करती थी, मुझे लगता है की, इंसान जब अपने दिल की बात कहने में झिझकता है, तब पेंटिंग के जरिये वो अपने विचार जाहिर कर सकता है।"

नैना की ये बातें राजीव बड़ी गौर से सुन रहा था। "मेरी एक दोस्त है, वो इस शहर की बहुत बड़ी और जानीमानी पेंटर है। तुम कहो तो मैं उससे तुम्हारे लिए बात करता हूँ। तुम्हें कुछ अच्छा सीखने मिल जायेगा और बाद में तुम चाहो तो, किसी अच्छे स्कूल में पढ़ा भी सकती हो।" नैना पहले तो काफी हिचकिचाई, फिर वो बोली, "राजीवजी, इसकी कोई जरुरत नहीं, मैं कोई दूसरा काम देख लूँगी।"

"तुम पैसो की चिंता मत करो नैना, मैं हूँ ना, तुम बस अपने इस कला को आगे बढ़ाओ, अगर तुम्हे लगे तो बाद में मेरे पैसे लौटा देना, जब तुम्हे अच्छा जॉब मिल जाये तो।"

राजीव की ये बातें सुनकर नैना की आँखें भर आयी। अगले दिन राजीव नैना को अपने साथ रीमा के घर ले गया। "तुम पैसो की चिंता मत करो राजीव, धीरे-धीरे करके तुम पैसे चूका देना।", रीमा ने राजीव से कहा। नैना अब धीरे धीरे पेंटिंग में माहिर होने लगी थी। उसके चेहरे की रौनक लौट आयी थी, ये सब देखकर राजीव भी बहुत खुश था।

उस दिन, नैना को काफी देर हो गयी थी लौटने में। राजीव उसका इंतज़ार कर रहा था, वो बेचैन हो चुका था। उसने नैना को फ़ोन करने की कोशिश की पर उसका फ़ोन नहीं लग रहा था। फिर उसने रीमा को फ़ोन लगाया तो पता चला कि नैना को निकले काफी समय हो चुका थाष राजीव, नैना की खोज में घर से निकल ही रहा था कि, इतने में दरवाजे की घंटी बजी।

राजीव ने दरवाज़ा खोला तो उसके सामने नैना थी।

"कहा थी तुम ? और तुम्हारा फ़ोन कहा है ? तुम्हें समझ नहीं आता कि घर पर तुम्हारे लिए कोई परेशान हो रहा होगा ?", राजीव ने बड़े गुस्से में नैना से कहा। राजीव का ऐसा रूप पहली बार नैना ने, इतने दिनों में देखा था। वो थोड़ा घबरा गयी और उसके आँख में आंसू आ गए, "मुझे माफ़ कर दीजिये राजीवजी, रीमाजी ने मुझे एक स्कूल में जॉब के बारे में बताया था, फिर में उनके यहाँ से उस स्कूल में चली गयी और मुझे ये जॉब मिल गयी। आपको फ़ोन ही करने वाली थी की फ़ोन की बैटरी ख़त्म हो गयी। फिर मैंने वही पास की दुकान से मिठाई खरीदी और घर के लिए निकल गयी, पर आज मुझे वहाँ से आने के लिए कोई साधन मिल नहीं पाया, और आपसे बात करने के लिए भी कोई सुविधा नहीं थी, इसीलिए मुझे काफी देर हो गयी।"

नैना की ये बातें सुनकर राजीव शांत हो गया और उसने नैना से माफ़ी माँगी। वो आज बहुत खुश था।

उस रात नैना और राजीव दोनों के मन में कई सवाल उमड़ने लगे थे। राजीव ने जिस तरह आज नैना से बात की, उसे समझ आ चूका था कि वो, धीरे धीरे नैना की और खींचा चला जा रहा है और नैना को भी आज पहली बार ये एहसास हुआ था कि कहीं न कहीं वो भी राजीव से प्यार करने लगी है।

क्रमश:


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama