Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

कली मुरझाते-मुरझाते रह गई

कली मुरझाते-मुरझाते रह गई

7 mins
877


किसी गांव में एक अनामिका नाम की लड़की रहती थी। वह बहुत ही अच्छी और मेहनती थी, लेकिन न जाने एक रात उसके साथ क्या हुआ। यह बात आज तक किसी को पता नहीं चल पाई। जो अनामिका सबकी मदद करती थी और खुश रहती थी तथा दूसरे व्यक्तियों कि मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहती थी, अब वह चुप-चाप एक ही कमरे में रहने लगी थी। जब कि उसकी आयु 10 वर्ष की ही थी।

 एक दिन अचानक उसकी बड़ी बहन अनीता अपने ससुराल से अपने घर आती है और देखती है कि उसकी छोटी बहन अब पहले जैसा हँसना-बोलना छोड़ कर अकेले ही चुपचाप रहने लगी थी। बड़ी बहन के पूछने पर भी कुछ नहीं बताती है, पिताजी से पूछने पर उसे पता चलता है कि उसकी बहन की शादी की बात चल रही है। अनामिका की बहन को समझ में आ जाता है कि उसकी छोटी बहन अब क्यों चुपचाप रहने लगी है ,लेकिन अनीता अपनी छोटी बहन की मदद नहीं कर पाती है। अनीता खुद ही अपनी मुश्किलों में उलझी हुई है तो वह अपनी बहन की क्या मदद करेगी। पिताजी भी ऐसा नहीं चाहते थे कि 10 वर्ष की उम्र में अपनी छोटी बेटी की शादी कर दे लेकिन गरीब होने के कारण तथा दो और छोटे बेटे होने के साथ-साथ उनकी बूढ़ी माँ थी, जो

कि चल-फिर नहीं सकती थी। उसकी भी देख भाल करनी होती थी। अनामिका की माँ की दो साल पहले ही मृत्यु हो गई थी इसलिए उसके पिता यह नहीं चाहते थे कि गरीबी के कारण बाकी लोगों की भी मृत्यु हो जाये। पिता ने सोचा,आज नहीं तो कल छोटी बेटी की शादी करनी ही है, तो आज ही क्यों ना कर दिया जाये।

 इसलिए वे शादी के लिए "हाँ" कर देते हैं क्योंकि इस शादी मैं उन्हें कुछ खर्च नहीं करना पड़ रहा था, इसके बदले उन्हें पैसे मिल रहे थे। जिससे कि वह अपने परिवार वालों की देख-भाल कर सकते हैं। पैसे के लोभ में आकर उसके पिताजी एक 35 वर्ष वाले व्यक्ति से अपनी बेटी की शादी कर देते हैं ताकि उनकी भी गरीबी मिट जाये और उनकी बेटी अच्छे परिवार में जाकर खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर सके, लेकिन अनामिका के जीवन में कुछ और ही लिखा था।

अनामिका को पढ़ना-लिखना , सजना-सँवरना, गुड़ियों से खेलना आदि बहुत पसंद था। जो आयु उसकी खेलने खुदने की थी उस आयु में उसे किसी की पत्नी बना दी जाती है। पढ़ना-लिखना छुड़ाकर उसके हाथो में घर के काम-काज सौंप दिये जाते हैं। जब भी उसके पिता उससे मिलने उसके घर पर जाते थे तो अनामिका उनसे अपने घर की बातें नहीं बताती थी क्यूंकि वह यह बात समझ गई थी कि उसकी परेशानी ना-ही पिता हल कर सकते हैं और ना-ही बहन। वह यह समझ गई थी कि अब उसे गृहस्थी खुद ही संभालनी होगी, साथ ही अपनी परेशानियों से खुद ही जूझना होगा।

10 साल बाद.... उसके पति की मृत्यु हो जाती है। अनामिका अब और भी अकेली हो गयी थी। परिवार वाले अब पहले से भी ज्यादा बुरा व्यवहार करते थे। उससे दिन भर काम कराते थे, साथ ही वह कभी अच्छे कपड़े पहनती या सजती तो उसके घर वाले ताना मारते और बोलते कि विधवा लोग बिन्दी , चूड़ी आदि नहीं पहनते हैं। जिससे कि अनामिका का मन बहुत दुखता था और बेचारी किसी से कुछ नहीं कह पाती थी। उसकी

जीवन पहले से भी बदतर हो गई थी। जिस आयु में उसकी शादी हुई थी , उसे समझ ही नहीं था की पति का मतलब क्या होता है और जब पति का मतलब जानने लगी थी तो उसके घर वाले उसके जीवन से इन सब

चीज़ों का मह्त्व खत्म करना चाह रहे थे। जो युवास्था उसके रंगीन सपनो का था अब उसे रंगीन सपने भी देखना मना हो गया था। हमारा समाज इन सब बातो को नीची नजर से देखता है। लोग इसे कलंक मानते है और बोलते हैं ये सब विधवा पर शोभा नहीं देता है।

 अनामिका के पति बहुत ही अच्छे इंसान थे। वह अपना समय निकाल कर रात में अनामिका को रोज पढ़ाते थे, सही-गलत के बारे में समझाते थे। वह यह समझ सकते थे कि अनामिका आयु में उनसे काफी छोटी थी, लेकिन उनकी माँ के कहने पर जबरदस्ती शादी करा दी गई थी।अनामिका को समाजवालों की पुरानी बातें पसंद नहीं थी। वह खुद के पैरों पर खड़ा होना चाहती थी।

 22 वर्ष की आयु में वह पढाई कर एक ऑफिसर के पद पर पहुँच गई। उसे अपने परिवारवालों से कई तरह के मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और अपने लक्ष्य के प्रति आगे बढ़ती गयी। एक दिन उसे उसकी मंजिल मिल गई। आज वह अपने पिताजी तथा अपने बड़ी बहन की मदद कर रही है, साथ ही उसने अपनी बहन को उसके परेशानियों से मुक्त कराया।

 एक दिन जब अनामिका अपनी बड़ी बहन के घर आती है तो बातों ही बातों मे अनिता ने पूछा "तुम्हें कैसे पता चला की मैं परेशानी में हूँ ?"

वह बोली, मैं छोटे में ही समझ गई थी जब तुम एक दिन पिताजी से मिलने घर पर आयी थी, तो तुम्हारे छोटे बेटे से पूछने पर मुझे पता चला कि तुम्हारे घरवाले तुम्हें मारते हैं और दहेज़ मांगते हैं। मैंने तुम्हारे हाथों पर मार का निशान देख लिये थे, जिसे तुम हम सबसे छुपा रही थी। उस दिन तुम घर पर खुद नहीं आई थी। तुम्हें भेजा गया था लेकिन तुम, पिताजी की हालत देखकर समझ गई थी कि पिताजी चाह कर भी तुम्हारी मदद नहीं कर पायेंगे। फिर भी तुम मुझसे मेरी दुखी होने का कारण पूछ रही थी। मैं समझ गई थी कि तुम खुद ही परेशानी में हो और मैं तुम्हें और तकलीफ नहीं देना चाहती थी। मैंने उसी वक़्त अपने मन में तय कर लिया था कि एक दिन मैं ही तुम्हारे परेशानियों से मुक्ति दिलाऊँगी। तुम्हें मुक्ति दिलाने में कुछ समय ज्यादा ही लग गया पर आज तुम अपने घर में आजादी से रह सकती हो। अब तुम्हे किसी से डरने की जरुरत नहीं है एवं तुम अपने बाल-बच्चों की लालन-पालन अच्छे तरीके से कर सकती हो। मैं आज एक उच्चे पद पर हूँ और समाज में चल रहे अंधविश्वासी बातों तथा दहेज़ प्रथा और स्त्रियों पे हो रहे अन्याय को रोकने के लिये ही मुझे इस पद के लिये चयन किया गया है और मैं इसे पुरे निष्ठा के साथ करके दिखाऊंगी। यह सब सुनकर उसकी बड़ी बहन की आँखों में आँसू आ जाते हैं।

साथ ही वह बहुत खुश होती है कि अब उनके परिवार को किसी का मोहताज नहीं बनना पड़ेगा। आगे चल कर अनामिका ने अपने छोटे भाइयों को अच्छी शिक्षा देती है और बूढ़े पिताजी का ध्यान रख रही है।

 2 साल बाद एक दिन अनामिका की मुलाकात उसी के दफ्तर में उसके बचपन के साथी पंकज से होती है। पंकज, अनामिका को बचपन से ही प्यार करता था| खेल-खेल में अनामिका और पंकज पति-पत्नी बना किया करते थे। किसी कारणवश अनामिका की शादी उससे बड़े व्यक्ति से हो गई होती है, इस बात का पता पंकज को देर से चलता है, और उस वक़्त पंकज भी ज्यादा बड़ा नहीं था, लेकिन वह सही-गलत समझता था| वह उस वक़्त अपने दिल की बातें अनामिका से नहीं कह पाया था लेकिन आज उसने अनामिका के बारे में सब-कुछ जानते हुए भी दिल की बात कह दिया। अनामिका उसकी बातों को सुनकर यह फैसला करती है कि वह पंकज से ही शादी करेगी।

आगे चलकर अनामिका के जीवन में पंकज के आ जाने से उसे उसकी सारी खुशियाँ मिल जाती है। दोनों खुशी से अपना जीवन जी रहे हैं। एक साल बाद अनामिका दो जुड़वे बच्चों को जन्म देती है। दोनों खुशहाली से रहते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational