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Rita Jha

Inspirational

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Rita Jha

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कात्यायनी माता

कात्यायनी माता

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जय जय हे दुर्गा ,जय जय हे जगदम्बे माता

तेरी सदा ही जय हो हे कात्यायनी माता।


जय जय हे दुर्गा ,जय जय हे जगदम्बे माता

तेरी सदा ही जय हो हे देवी कात्यायनी माता।

षष्ठी दिन जो नर भाव भक्ति से तुमको ध्याता,

रोग शोक संताप और भय सब नष्ट हो जाता।


जय जय हे दुर्गा ,जय जय हे जगदम्बे माता

तेरी सदा ही जय हो हे कात्यायनी देवी माता।

कात्यायन ऋषि के तप को सफल किया माता

बनी कात्यायनी, उनकी पुत्री बन जन्म लिया।


जय जय हे दुर्गा ,जय जय हे जगदम्बे माता

तेरी सदा ही जय हो हे देवी कात्यायनी माता।

शोधकर्ताओं के लिए तुम हो सिद्धिदात्री देवी,

वैज्ञानिक कार्य सब तेरे कारण सफलता पाती।


जय जय हे दुर्गा ,जय जय हे जगदम्बे माता,

तेरी सदा ही जय हो हे देवी कात्यायनी माता।

तुम तो कहलाती ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी,

स्वर्ण सम चमकीली आभा, रूप दिव्य माँ का


जय जय हे दुर्गा ,जय जय हे जगदम्बे माता

तेरी सदा ही जय हो हे देवी कात्यायनी माता।

तू ही पार्वती , तू ही माँ उमा तू ही गौरी माता,

काली भी तू, तू हेमावती व तू ही ईश्वरी माता।


जय जय हे दुर्गा ,जय जय हे जगदम्बे माता

तेरी सदा ही जय हो हे देवी कात्यायनी माता।


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