इकतरफा इश्क
इकतरफा इश्क
गफलत की बात है, कि कुछ बात नही है़।
उनसे अभी हमारी मुलाकात नही है।
वो मेरे साथ होता तो बहुत कुछ होता,
पर अब हम क्या कहैं जब वो ही साथ नही है।
मन्नतें करते हैं हम उनके लिए,
करवटें बदलते हैं हम उनके लिए।
सँभालो हमें इन फिसलन भरी राहों मे फिसल न जाऐं कहीं।
ऐ खुदा मेरी मुहब्बत की कश्ती अब हाथों में है तेरे,
ये इकतरफा सा इश्क हमें निगल न जाऐ कहीं।