पहला प्यार
पहला प्यार
ऐसा क्या लिखूं इस बार,
क्या उतार दूँ आज अल्फ़ाज़ो में प्यार।
तेरी वो भूरी आँखो से एक टक देखना,
मेरे होंठों की मुस्कान का तेरे चेहरे पर खिलना।
तेरा उँगलीयों से मेरे हाथों को थामना,
और थामकर उनको अपने लबों तक ले जाना।
तेरी नादानियाँ तेरी वो शरारतें और अठखेलियाँ करना
यूँ तो ये शादी के बाद था, जिसमें पैसों से ज़्यादा प्यार न था,
उम्र, समय, हालात क्या देखता ये तो प्यार था।
ध्यान है मुझे जब पहली दफ़ा नर्स ने तुमसे मुलाक़ात कराई ,
हाथ काँप रहे थे मेरे, पर साथ ने तेरे मुझे हिम्मत बँधाई।
इश्क़ दिल लगी मोहब्बत तो हुआ कई बार,
जब तुमने हाथ थामा तो लगा यही है प्यार।
हाँ मेरा ग़ुरूर मेरा यार प्यार है तू,
इस अकेले पिता का पहला प्यार है तू।
