ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
कभी गम, तो कभी खुशी है ज़िन्दगी
कभी धूप, तो कभी छांव है ज़िन्दगी
विधाता ने जो दिया, वो अधभुत उपहार है ज़िन्दगी
कुदरत ने जो धरती पर बिखेरा, वो प्यार है ज़िन्दगी
जिससे हर रोज़ नये-नये सबक मिलते हैं यथार्थो का अनुभव कराने वाली ऐसी कड़ी है ज़िन्दगी
जिसे कोई न समझ सके ऐसी पहेली है ज़िन्दगी
कभी तनहाइयों में हमारी सहेली है ज़िन्दगी
अपने-अपने करमों के आधार पर मिलती है ये ज़िन्दगी
कभी सपनों की भीड़, तो कभी अकेली है ज़िन्दगी...
जो समय के साथ बदलती रहे, वो संस्कृति है ज़िन्दगी
खट्टी मिठी यादों की स्मृति है ज़िन्दगी...
कोई ना जान कर भी जान लेता है सबकुछ, ऐसी है ज़िन्दगी
तो किसी के लिए उलझी हुई पहेली है ज़िन्दगी
जो हर पल नदी की तरह बहती रहे ऐसी है ज़िन्दगी
जो पल-पल चलती रहे, ऐसी है ज़िन्दगी...
कोई हर परिस्तिथि में रो रोकर गुज़ारता है ज़िन्दगी
तो किसी के लिए गम में भी मुसकुराने का हौसला है ज़िन्दगी...
कभी उगता सूरज, तो कभी अधेंरी निशा है ज़िन्दगी
ईश्वर का दिया, माँ से मिला अनमोल उपहार है ज़िन्दगी...
तो तुम यूँही न बिताओ अपनी ज़िन्दगी...
दूसरों से हटकर तुम बनाओ अपनी ज़िन्दगी...
दुनिया की शोर में न खो जाए ये तेरी ज़िन्दगी...
ज़िन्दगी भी तुमको देख कर मुसकुराए, तुम ऐसी बनाओ ये ज़िन्दगी...