STORYMIRROR

Pinkal Jain

Others

0  

Pinkal Jain

Others

खामोशी

खामोशी

1 min
520


सुनो ....यूँ चुप से न रहा करो, यूँ खामोश से जो हो जाते हो , तो दिल को वहम सा हों जाता है, कहीं खफा तो नहीं हो...?? कहीं उदास तो नहीं हो...?? तुम बोलते अचछे लगते हो, तुम लड़ते अचछे लगते हो, कभी शरारत से, कभी गुस्से से, तुम हंसते अचछे लगते हो, सुनो यूँ चुप से ना रहा करो|


Rate this content
Log in