फेसबुक पर टेगिंग
फेसबुक पर टेगिंग
भाई, रावण की लंका समझा है क्या फेसबुक
जो लगा ली पूंछ सोच कर हनुमान का लुक
जिसे देखों लंका को घर समझे
पूंछ घुसाए जा रहे हैं
जैसे दानवों को सबक सीखाए जा रहे हैं
हम अंगद की तरह पैर जमाये खड़े हैं
दरबार-ए-फेसबुक पर
आ टेगिंग के रावण
इन पैरों को हटाने बारम्बार झुक
भाई, रावण की लंका समझा है क्या फेसबुक
किसी को देखो राजनीती की पिंपनी बजा रहा है
कोई बेसुर में भी खुद को तानसेन बता रहा है
हम जब पकड़े के भाई क्या माजरा है
हम समझा रहे तोहे समझ ना आ रहा है
तू ना मानेगा तोहे ब्लाक ही करते हैं ज़रा रुक
भाई रावण की लंका समझा है क्या फेसबुक
कुम्भकर्ण समझा है क्या सोया थोड़े हूँ
तू नींद से अब जागा सोचूं तुझे क्यूँ जोड़े हूँ
सुर्पणखां के भाई क्यों पोस्टें भेजे है बेतुक
भाई रावण की लंका समझा है क्या फेसबुक
देख हनुमान जी की पूंछ से खेला नहीं करते
बिना इजाज़त बेमौसम मेला नहीं करते
हनुमान जी की गदा का कुछ ख़याल कर
एक अगर पड़ गयी तो
तेरी पोस्टें हो जायेंगी लंका का लुक
भाई रावण की लंका समझा है क्या फेसबुक
देख फेसबुक को मान ले श्री राम राज्य
फेसबूकी टेगिंग नहीं कोई सत्कर्म काज
तीर-धनुष का कर इस्तेमाल
ना ताने फिर ये बेतुकी टेगिंग की बन्दूक
भाई रावण की लंका समझा है क्या फेसबुक