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Mangesh Medhi

Classics Inspirational

4  

Mangesh Medhi

Classics Inspirational

ने मज वृंदावनी

ने मज वृंदावनी

1 min
250


गोविंदा रे गोपाला रे | मुरलीधर कान्हा

ने मज गोकुळी रे कान्हा

ने मज वृंदावनी


पाहुदे तुझी गोप नगरी | प्रेमळ गोकुळवासी

राहुदे मज तुज सवे | बाल गोप होऊनी


गोप गोपी संगे गाई | हुंदडती वासरे

पाहुदे मज लीला सार्‍या | सखा तुझा होऊनी


ने मज गोकुळी रे कान्हा

ने मज वृंदावनी

गोविंदा रे गोपाला रे....


हंडी फोडू दही काढू | चाखुदे मज प्रेमघास

युमुनातीरी गोपाळ काला | गोकुळी लोण्याचा गोळा


चल जाऊ गायी चराया | जाऊ वृंदावनी

न्हाउदे मज युमुना जळी | खेळू तीरावरी


ने मज गोकुळी रे कान्हा

ने मज वृंदावनी

गोविंदा रे गोपाला रे....


साद घालुदे मुरली तुझी | मी मज हरपुनी जावे

मधुर मधुर नाद घुमुदे | तल्लीन जनमन सारे


मुरलीधर तु राधा संगे | गोप-गोपी रिंगणी

फेर धरुनी नाचुदे | रास रंगी वनी


ने मज गोकुळी रे कान्हा

ने मज वृंदावनी

गोविंदा रे गोपाला रे | मुरलीधर कान्हा



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