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Shobhit Awasthi

Inspirational Romance

5.0  

Shobhit Awasthi

Inspirational Romance

तुम्हारे इंतज़ार में

तुम्हारे इंतज़ार में

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अपने हॉस्टल के कमरे में अकेले बैठ के, अभी तुम्हारी ग़ैर मौज़ूदगी में जब तुमसे बात करने का मन करता है, तब अक्सर मैं अपनी डायरी का ख़ाली पन्ना खोल लेता हूँ। फिर कोशिश करता हूँ कि जो कुछ भी लिखूँ वो बिल्कुल पारदर्शी हो। ये मैं तभी करता हूँ जब ये बाहर की दुनिया मुझे डराती है और अपने फ़रेब दिखाती है, तब मैं तुमको हमेशा अपने साथ खड़ा पाता हूँ, ख़्यालों में ही सही पर पाता हूँ।

ऐसा ही कुछ उतार-चढ़ाव अभी हो रहा है, अब तुमको क्या ही बताऊँ, आजकल मैं थोड़ा असमंजस में हूँ, कॉलेज की पढ़ाई भी पूरी होने को है बस कुछ ही दिन शेष बचे हैं, पर ऐसा नहीं कि मैं इससे हताश या निराश हूँ। मेरे पास कुछ एक विकल्प भी हैं जिनको मैंने अपने लिए अच्छा पाया है जैसे कि पी एस यू में जॉब करना, पर उसके लिए क्लेट पी जी 2019 में बहुत अच्छी रैंक भी लानी होगी।

इसके अलावा तुमको पता ही होगा की आई ए एस बनना हमारे समाज में एक सम्मान की बात है, मुझे भी बनना है, इसकी भी परीक्षा देना है यही मेरा मुख्य लक्ष्य है क्योंकि मैंने अपने अंदर इस बात को पाया है कि मैं एक अच्छी प्लानिंग के साथ लोगों की सेवा व देश की तरक्की में अपना योगदान कर सकता हूँ और आशा करता हूँ कि उस वक़्त तक तुम्हारा साथ भी पा जाऊँग

ा।

फिर तो ये काम मेरे लिए केक वॉक जैसा हो जायेगा। हाँ ! और इसलिए मेरी रुचि भी विभिन्न प्रकार के विषयों में है। मेरा अंतर मन भी इन बातों से सहमत है।

परन्तु अब समस्या यह है कि ये जो हमारा दिमाग़ है न ये बहुत बड़ा आलसी बन जाता है जब इसको नकारात्मक विचारधारा प्रचुर मात्रा में मिलने लगती है। तब यह काम न करने के अलग-अलग बहाने खोज लेता है।

ख़ैर ! अब इसका इलाज़ है दृढ़ निश्चय, लेकिन निश्चय करने के पहले अपने लक्ष्य का रास्ता निर्धारित करना पड़ेगा कि आने वाले समय में क्या-क्या करना है और क्या नहीं करना है।

तभी निरंतर उसका रिजल्ट अच्छा मिल पायेगा।

अच्छा देखो ! ये सब तुम्हारे लिए लिखता हूँ या फिर अपने लिए पता नहीं पर ये सब लिखकर मेरा मनोबल जरूर बढ़ता है। साथ ही माँ-पिता के सपनों को पूरा करने की ऊर्जा भी मिलती है, सोचता हूँ जब मुझे तुम्हारा साथ सच में मिलेगा तब जीवन कितना ज़्यादा ख़ूबसूरत होगा। तुम्हारी आवाज़ और वो खुश्बू ... अरे लिखने का तो बहुत कुछ मन कर रहा है पर उन भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्द ही नहीं मिल रहे। अच्छा तो अब एक ख़ुश और प्रफुल्लित मन के साथ..शुरु करता हूँ अपना सफर, अपनी मज़िल की तरफ़।

सुनो, अब ज़्यादा इन्तजार मत करवाना।


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