Preeti Sharma "ASEEM"

Drama

5.0  

Preeti Sharma "ASEEM"

Drama

ठहरी सोच

ठहरी सोच

2 mins
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अनीता छत पर से झांक रही थी। "तुम यहां अंधेरे में क्यों खड़ी हो," रितेश ने उससे पूछा। उसने कहा रुको -रुको अभी मैंने गली में से उस दुकान में रिंकू के साथ एक लड़की को जाते हुए देखा है।

जिसकी दुकान है वहीं जाएगा। नहीं उसके साथ एक लड़की थी उसने शाल से मुंह ढका हुआ था। तुम्हें गलती लगी होगी। कभी नहीं ....रुको ,यहीं पर देखाती हूं। जब वह बाहर निकलेंगे। तुम खड़ी रहो।

इतनी सर्दी में यहां जासूसी करने के लिए। मैं जा रहा हूँ, सोने यह कहकर रितेश कमरे में चला गया लेकिन अनीता बालकनी से झांकती रही।

सर्दी और बढ़ गई थी धुंध भी गहरी हो चली थी उसे ठंड भी लग रही थी लेकिन रिंकू के साथ कौन सी लड़की है यह देखने के लिए सब बर्दाश्त कर खड़ी रही उनके निकलने के इंतजार तक।

दो घंटे तक वहां खड़ी रही लेकिन दुकान से कोई बाहर नहीं निकला तभी उसने दुकान का शटर खोलने की आवाज सुनी तभी उसमें से दो लड़के निकले।

एक ने शाल ओढी हुई थी वह दुकान की सफाई कर रहे थे। सर्दी की वजह से उन्होंने दुकान बंद कर ली थी। वह कोई और नहीं रिंकू का ही छोटा भाई था नितेश। यह देखकर अनीता को अपनी ठहरी हुई सोच पर बहुत शर्म आई कि वह इतने घंटे से ठंड में यह देखने के लिए खड़ी थी।


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