स्वच्छता अभियान
स्वच्छता अभियान
सुबह का अख़बार देखकर पूरे महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है।
संतरी से लेकर मंत्री तक चर्चा का बाज़ार गरम हो गया आख़िर इतनी बड़ी चूक हुई कैसे ? लगभग एक महीने से शहर की सफ़ाई का कार्यक्रम चल रहा था, उस पर यह ख़बर .. आख़िर कल २ अक्टूबर है ...!
शहर वो भी राजधानी के कई मुख्य इलाक़ों के चित्र कूड़े के ढेरों के साथ छपे हैं, शीर्षक है “सरकारी स्वच्छता अभियान की ज़मीनी हक़ीक़त”
महकमें के अधिकारियों की तो शामत ही आ गयी, वरिष्ठता क्रम के अनुसार फ़रमान पे फ़रमान जारी किए जाने लगे।
आनन फ़ानन मीटिंग बुलाई गयी, इलाक़ों को चिन्हित करके नगर निगम की कूड़ा उठाने वाली चार पाँच गाड़ियाँ पूरे लाव लश्कर के साथ शहर में दौड़ा दी गयीं।
लेकिन चिन्हित इलाक़ों में पहुँचकर ऐसे कोई कूड़े के ढेर तो कहीं मिले नहीं। चिन्हित इलाक़ों में कूड़े के ढेर न मिलने पर एक ओर जहाँ अधिकारियों ने राहत की साँस ली वहीं दूसरी ओर अख़बार पर क्या कार्यवाही हो तथा इसे मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में लाया जाए या नहीं इस पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
लेकिन इस अफ़रातफ़री में किसी ने नहीं देखा कि रास्ते में कई जगह मंदिरों के पीछे, टूटी-फूटी सड़कों के किनारे, अस्पतालों व स्कूलों के पीछे लगे कूड़े के ढेर बड़ी हसरत से दिन भर इन गाड़ियों को ताकते रहे कि शायद आज ही इन दौड़ती-भागती गाड़ियों की नज़र उन पर पड़ जाये; आख़िर कल २ अक्टूबर है....!