सुबह का इंतजार
सुबह का इंतजार
जिंदगी की इस ढलान में रात कब गुजर जाती है पता नहीं चलता, लेकिन सुबह का हर व्यक्ति को बेसबरी से इंतजार होता है। घूमने गया था एक दिन रात का सफर था, रास्ता लंबा था, आसपास काफी घनी पहाड़ियां थी, तेज रफ्तार से आ रही घुमावदार सड़कें और रात का अंधेरा दोनों ही परेशान कर रहे थे जैसे तैसे रात गुजरती और हम राह देख रहे थे की कब सुबह होगी , नींद नहीं आ रही थी पर एक वक्त आता है जब आप जागना चाहे फिर भी सो जाते है।
मुझे नींद आ चुकी थी अंधेरा हटने के बाद जब सुबह हुयी तो हम प्रकृति की गोद में थे।
