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Jayesh R Jadav

Comedy Drama Tragedy

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Jayesh R Jadav

Comedy Drama Tragedy

बिचारा कछुआ

बिचारा कछुआ

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कछुआ और हंस की वार्ता


एक कछुआ एक तालाब में रहता है। झील के किनारे दो हंस रहते थे। वे दोस्त बन गए।


एक वर्ष अकाल पड़ा झील सूख गयी। कछुआ कहता है, “हंस भाई, मुझे दूसरी जगह ले चलो जहाँ पानी हो।”


हंसो सहमत हो गया। वे एक छड़ी ले आये। हंस ने कछुए से कहा, कछुए भाई, उड़ते समय बिल्कुल मत बोलना। बोलोगे तो गिर जाओगे और भुक्का निकल जायेगा। कछुआ कहता है, भले ही मैं न बोलूं। हंसो अंत तक छड़ी को पकड़ता है। कछुआ इसे अपने मुंह से पकड़कर बीच से लटका देता है। इस प्रकार यह निर्णय लिया गया कि वे कहीं और चले जायेंगे। फिर तीनों निकल पड़े। कछुआ ऊँचा नहीं उड़ता था। वे एक गाँव से उड़ रहे थे। कछुए को उड़ता देख ग्रामीण चिल्लाते हुए एकत्र हो गए।


इस हलचल से कछुआ आश्चर्यचकित रह गया। वह भूल गया कि उसे बोलने से मना किया गया है। कछुआ बोलने गया और छड़ी ढीली हो गई। कछुआ नीचे गिर गया और मर गया। हंस दुःखी होकर अकेले ही आगे उड़ गये।


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