लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

Inspirational

5.0  

लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

Inspirational

सुबह का भुला

सुबह का भुला

4 mins
597


अमित सेन अपने परिवार के साथ शहर में बहुत हँसी ख़ुशी से जीवन व्ययीत कर रह रहा था। उसके माता और पिता जी गाँव में रहते थे। अमित की पत्नी शालिनी बहुत ही सुशील व समझदार थी। अमित के एक बेटा समर्थ व एक बेटी साधिका थी। बेटा समर्थ इंटरमीडिएट के दूसरे वर्ष में पढ़ रहा था। बेटी अभी हाई स्कूल में थी। अमित आयकर विभाग में अधिकारी थे। मिलनसार व हँसमुख स्वभाव का होने के कारण घर परिवार व ऑफिस हर जगह अमित सबके प्रिय थे। अक्सर लोगों की सहायता करना अमित की आदत थी। ऑफिस जाते समय एक दिन ऑफिस से कुछ दूरी पहले ही अमित ने देखा कि एक ऑटोवाले व एक लड़की में कुछ बहस हो रही है वह रुक गया और सुनने लगा पता चला कि लड़की इस शहर में नई नई आई है ऑटोवाला ज़्यादा किराया मांग रहा है। तो उसने ऑटो वाले को डॉट कर सही किराया दिलाया। ऑटोवाला चला गया।

अमित भी अपनी बाइक स्टार्ट करने लगा तब तक लड़की दौड़ कर आई और उसने अमित को आभार प्रकट किया और बताया कि मैं इस शहर में नई आयी हूँ और यही सामने जगत विला में किराए पर कमरा लिया है और इसी शहर में एक कंपनी में नौकरी कर रही हूँ। अमित व लड़की से एक दूसरे से जान पहचान हुई। फिर अमित चला गया। फिर दो तीन दिनों बाद वह लड़की जिसका नाम विनीता थी,अपने विला के बाहर खड़ी थी। अमित ने उसे देखते ही अपनी बाइक रोक दी और विनीता से हालचाल पूछने लगा।

फिर तो ऑफिस आते जाते समय विनीता उसका इंतजार करने लगी। अमित भी धीरे धीरे विनीता की तरफ आकर्षित होने लगा व कभी कभी एक दूसरे के साथ शहर में घूमते। कभी कभी तो अमित रात में विनीता के कमरे पर ही रुक जाया करता। घर पर कहता कि ऑफिस में काम अधिक होने की वजह से ऑफिस में ही रुकना पड़ा। अब तो विनीता और अमित का प्यार परवान चढ़ने लगा। अमित के घर वालों व माता पिता जी को अमित व विनीता की सारी बातें धीरे धीरे पता चल गई। सबने अमित को समझाने की बहुत कोशिश की। पर कोई फायदा न हुआ अमित के सेहत पर कोई प्रभाव नही हुआ। अमित ने अपना ट्रांसफर दूसरे शहर में करा लिया और वही विनीता के साथ रहने लगा।

अमित की पत्नी शालिनी का रो रो कर बुरा हाल था बच्चे भी बहुत परेशान थे। पर किसी तरह शालिनी ने अपने आपको संभाला। और बगल के स्कूल में पढ़ा कर परिवार का खर्च व बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने लगी। उधर विनीता अमित से फरमाइश पर फरमाइश करने लगी। अपने नाम से जमीन खरीदवा कर उस पर मकान भी बनवा कर ऐशो आराम से रहने लगी। साथ अक्सर गहने व अन्य चीजें अमित के पैसे से खरीदने लगी। अमित धीरे धीरे कर्ज में डूबने लगा और शराब पीने लगा। रोज कर्जदार घर पर आने लगे। विनीता ने पुलिस को बुला कर घर से अमित को निकलवा दिया। अमित बेचारा क्या करे! इतना कर्ज में डूब गया कि उस शहर में रहना मुश्किल हो गया। किसी तरह उसने अपने शहर में ट्रांसफर कराया और एक कमरा किराये पर लेकर रहने लगा। इसी शहर में वह अपने घर जाने की हिम्मत नही जुटा पा रहा था।

अचानक एक दिन ज्यों ऑफिस से निकला जिन लोगों से वह कर्जा लिया था उसके सामने आ धमके वो गाली गलौज देकर मारने लगे पूरी भीड़ एकत्र हो गई थी। इतने में वही से अमित का बेटा समर्थ जो अब एक वर्ष बीतने पर कॉलेज में पढ़ने लगा था। अपने दोस्तों के साथ रुक कर देखने लगा क्यों भीड़ लगी है। यह क्या! यह तो उसके पापा है जिसे कुछ लोग मार रहे हैं। तुरंत अपने दोस्तों के साथ मिल कर अपने पापा को बचाने की कोशिश किया उसके दोस्त उन लोगों से भिड़ गए वो सब जान गए कि भाग जाना ठीक है तो भागने लगे।

अमित को काफ़ी चोट आई थी। समर्थ तुरंत दोस्तों की सहायता से अपने पापा को लेकर अस्पताल गया और एडमिट किया। फिर समर्थ ने मम्मी को और गाँव बाबा दादी को सारी बात बताई। अमित की पत्नी शालिनी पहले तो आने के लिए तैयार न हुई पर बेटे के बार बार कहने पर अस्पताल पहुँची। अमित बेहोश हो गया था। डॉक्टर के काफ़ी प्रयास से दूसरे दिन अमित को होश आया। तब तक अमित के माँ व पिता जी भी पहुँच चुके थे। अमित अपने परिवार वालों से आँख मिलाने की हिम्मत जुटा नही पा रहा था। सिर्फ़ अमित के आँख से आँसू बह रहे थे। साल भर बाद उसने अपने बेटे बेटी व पत्नी शालिनी व माता पिता को देख रहा था। पर शर्म से नज़रें झुकी हुई थी। किसी तरह उसने पत्नी की तरफ हाथ जोड़ कर कहा "शालिनी मुझे माफ़ कर दो" फिर रोने लगा। सभी लोग शालिनी से माफ़ करने के लिए अनुनय विनय करने लगे। बहुत कुछ सोच समझ कर शालिनी ने माफ़ कर दिया।

अस्पताल से छुट्टी मिलने पर अमित अपने घर एक वर्ष बाद वापस आया था। फिर अमित अपने परिवार के साथ ख़ुशी पूर्वक रहने लगा। इसे ही कहते हैं "सुबह का भूला शाम को वापस आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते हैं"।


Rate this content
Log in

More hindi story from लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

Similar hindi story from Inspirational