स्टेटमेंट लाइन
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(प्रेरणादायक अवसर)
एक छात्र गुरुकुल में रहकर पढ़ाई करता था। लेकिन ऐसा लगता है कि शिक्षा के शब्द उनके दिमाग में नहीं आ रहे, उनके साथियों ने बहुत अच्छा अध्ययन किया और आगे बढ़ गए। तब यह बच्चा कुछ नहीं सीख सकता। आखिरकार उनके गुरु भी ऊब गए.. ऊब गए, उन्हें छुट्टी देने की सोची।
गुरु के इन शब्दों ने इस छात्र की नींद में खलल डाला ... उसके दिल और दिमाग को हिला दिया। वह सोचता है कि शिक्षा के बिना मेरा जीवन बेकार है। मैं वैसे भी एक वैज्ञानिक बनना चाहता हूं। ये विचार उसे लगातार सताते रहते हैं। ऐसा सोचकर वह अपने हाथ में ज्ञान की रेखा की तलाश में एक ज्योतिषी के पास जाता है। वह ज्योतिषी से पूछता है कि इसमें ज्ञान की रेखा कहां है? ज्योतिषी उसे अपने हाथ में एक निश्चित स्थान दिखाता है और बताता है कि यहाँ बात विद्या की रेखा है। यहां आपके हाथों की हथेलियों में सीखने की कोई रेखा नहीं है।
पढ़ने की ठान लेने वाला यह छात्र हाथ में धारदार चाकू लेकर शिक्षा की रेखा काट देता है। हाथ से खून की धारा बहने लगती है। गुरू ने यह देखा। वह दौड़कर बच्चे के पास गया। और शिक्षा प्रदान करना शुरू कर दिया। और यह छात्र आत्मविश्वास, एकाग्रता, समर्पण और पुरुषत्व के साथ उन्होंने कठिन अध्ययन किया और एक महान विद्वान बन गए। यह बालक कोई और नहीं बल्कि संस्कृत व्याकरण के महान ऋषि पाणिनि हैं। कहा जाता है कि संसार की किसी भी भाषा में संस्कृत के समान व्याकरण नहीं है। यदि आपमें जोश, लालसा और आत्मविश्वास है, तो आप इसे प्राप्त कर सकते हैं!
जैसा कि एक कवि ने कहा है :
" सफलता जीवन की
हथेली में नहीं होती ,
इमारत नक्शे में नहीं होती । "
पाणिनि के जीवन से पता चलता है कि हमें निराश नहीं होना चाहिए, जब कोई हमसे कहता है कि 'हम कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि हमारे पास बुद्धि नहीं है।' कड़ी मेहनत से हम सभी अपनी कमजोरियों को दूर कर बुद्धिमान और ज्ञानी बन सकते हैं।