STORYMIRROR

Shalini Narayana

Drama

3  

Shalini Narayana

Drama

सोलमेट

सोलमेट

3 mins
304

आज सुबह मेंरा और अनु का झगड़ा हो गया। गुस्से में मैंंने अनु को काफी भला बुरा कह दिया।आफिस पहुंच कर मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ।मैंने तय किया आज घर जाकर अनु से माफी मांग कर उसके साथ समय बिताऊंगा।मैने सारे काम जल्दी निपटा लिये, सोचा घर जाकर अनु को सरप्राइज़ देता हूँ। 7 बजते ही काम समेंट कर मैं घर की ओर निकल पडा। घंटी बजते ही अनु ने दरवाजा खोला,मुझे देखते ही उसके चेहरे पे खुशी छा गई।मेंरे हाथों से बैग लेकर वह अंदर रखने चली गई। मैं वहीं सोफे पर पसर गया। घर में शांति है। बच्चे नीचे खेलने गए हैं।

अनु गरम चाय बना कर ले आइ।चाय पीते पीते मैं समाचार देखने लगा। वह कुछ देर वहीं बैठीं रही,फिर रसोई में जा कर खाने की तैयारी करने लगी।बच्चे वापस आकर अपनी पढाई में लग गए और मैं अपने फोन पे मसरूफ हो गया। कुछ देर बाद सब खाने की मेंज पर मिले,खाना खाया दिन भर की बातें की फिर खाना खाकर सब अपने कमरों में चले गए।

आफिस से कुछ मेंल आया और मैं उस काम मैं लग गया। काम निपटाकर कमरे में आया तो अनु दिन भर के काम से थककर सो गई थी। मन आत्मगलानी से भर गया।सोचा था आज जल्दी आया हूँ अनु के साथ समय बिताऊंगा, पूरा समय एसे ही निकाल दिया मैं ने।

अनु के चेहरे पे रौनक नहीं थी,कुछ सफेद बाल भी अपनी जगह बना चुके हैं, झुर्रियां अपनी छाप छोड़ने के प्रयास में हैं, जिस औरत ने अपनी जिंदगी के 15साल मेंरे साथ गुज़ार दिए,

आज मुझे वह अचानक से अजनबी सी लगी। हमारी शादी का असर उस पर साफ दिख रहा था।उस पल मुझे अपने आप से घृणा होने लगी।मैं अपने आप को कसूरवार समझने लगा ,उसकी इस परिस्थिति के लिए,उसके खोये हुए समय और प्यार के लिए।

अनु को पुराने गाने बहुत पसंद है, उसे मेंरे साथ लंबी सैर पर जाना बहुत पसंद है, परिवार के साथ छुट्टियों पे जाना भी उसका शौक है, चाय की चुस्कियों के बीच मन की बातें मुझसे साझा करना भी उसकी पसंदीदा आदत है, पर आज मुझे अपने आप पर गुस्सा आ रहा है की जीवन के भाग दौड में मैं ने मेंरी अनु को उसकी छोटी छोटी खुशियों से वंचित कर दिया।गुजरा वक्त तो मैं ला नहीं सकता पर तय किया की "हमारे " लिए समय अब जरूर निकालूंगा।आखिर मेंं वो मेंरी सोलमेंट है जिसने अपने परिवार को छोड़कर मुझे और मेंरे परिवार को अपनाया है।अपनी नौकरी छोड़ कर निस्वार्थ भाव से मेंरे और बच्चों के लीए दिन भर खटती है।

१५ वर्षों का लंबा सफर उसने मेंरे साथ तय किया हर उतार चढ़ाव मेंं ,मुश्किल समय मेंं , खुशियों मेंं मेंरे साथ मेंरा संबल बन के खड़ी रही।हमारा रिश्ता सिर्फ पति पत्नी का नहीं ,हम दोस्त हैं, एक दूसरे के आलोचक हैं, प्रशंसक हैं और सब से अहम हम सोलमेंटस हैं।

आज हम हमारी बालकनी मेंं बैठ कर चाय की चुस्कियों और गुलाबी ठंड का मजा ले रहे हैं। आज मैंने एक सुकून देखा अनु के चहरे पर और मेंरा बोझिल मन थोड़ा हल्का लगा मुझे।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama