काँच की चुभन तो हम नौकरों से साफ़ करवा लेंगे, पर मन की इस चुभन का क्या ? काँच की चुभन तो हम नौकरों से साफ़ करवा लेंगे, पर मन की इस चुभन का क्या ?
सी ओ साहब ने व्यंग्य और धमकी के लहजे में कहा - सोशल डिस्टेन्शिंग मैंटेन करियों। सी ओ साहब ने व्यंग्य और धमकी के लहजे में कहा - सोशल डिस्टेन्शिंग मैंटेन करियों।
जब जरूरी हो तभी घर के बाहर निकलें। जब जरूरी हो तभी घर के बाहर निकलें।
पूरे देश का सफाई के प्रति यह जज्बा बना रहे। पूरे देश का सफाई के प्रति यह जज्बा बना रहे।
ये कौन सा मौसम है, पेड़ ,पौधे, पशु, पक्षी सब बहुत खुश नजर आ रहे हैं... ये कौन सा मौसम है, पेड़ ,पौधे, पशु, पक्षी सब बहुत खुश नजर आ रहे हैं...
हां ये अलग बात है कि उस लड़की के हिस्से में प्यार के बदले उस गुलाब की क़ीमत आई थी। हां ये अलग बात है कि उस लड़की के हिस्से में प्यार के बदले उस गुलाब की क़ीमत आई थी।