शिक्षा का महत्त्व
शिक्षा का महत्त्व
70 वर्ष की एक बूढ़ी माँ भुट्टे बेच के अपना पेट पालती है, ज़ब उनसे पूछा गया, 'भुट्टे क्यों बेचते हो' तो माँ जी ने जवाब दिया, 'पेट पालने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा'
माँ जी ऐसा क्या हुआ, आपके बच्चे क्या करते हैं?
'बेटा तो मेरा बहुत अच्छा है, अच्छी नौकरी करता है'
उसकी पढ़ाई कैसे हुई जब बेटा अच्छी नौकरी करता है तो पढ़ाया तो होगा किसी ने उसे l
माँ जी ने कहा 'हाँ मैं पहले भी सब्जियाँ बेचती थी बेटे को पढ़ाया लिखाया और उसकी शादी भी करवाई, मेरे भाई ने भी थोड़ा मदद की थी, अब भाई भी नहीं रहा, बेटा बहू के हवाले हो गया।'
तो आप इस उम्र में मेहनत करती हो बेटा कहाँ है?
'बेटा मेरे साथ नहीं रहता कही और रहता है, बहू अच्छी नहीं है, बहुत परेशान करती है, मुझे ताने सुनने पसंद नहीं, अब क्या करें, जब तक जान है पेट तो पालन पड़ेगा,
बेटे को बताया क्यों नहीं, कहाँ रहता है?
माँ जी आप इतनी परेशानी झेल रही हो, बेटे को बताना चाहिए l
हमने पूछा 'माँ जी कुछ सहायता चाहिए तो बताओ, अभी तो हमारे पास ज्यादा पैसे नहीं है कुछ रुपये उन्हें देना चाहा तो माँ जी का कहना था,
"नहीं बेटा भीख नहीं मांगूगी चाहे कुछ भी हो जाय कमा कर खा लुंगी, बेटा आएगा तो ठीक है नहीं तो जिंदगी कटनी है कैसे भी कट जाएगी "
बेटे की आप तारीफ़ कर रहे हो लेने क्यों नहीं आता, 'बहू आने नहीं देती होगी क्या करेगा'
किसी को बता के उसके पास खबर भेजनी चाहिए ऐसा कैसे हो सकता है ....
कुछ समय बाद किसी सम्मलेन में शिक्षा नीति पर सेमिनार चल रहा था, उस सेमिनार में मेरे दोस्त ने शिक्षा नीति पर अपना भाव व्यक्त करते हुए उस बूढ़ी माँ की दास्तान सुना दी और अंत में टिप्पणी करते हुए कहा कि शिक्षा देने वाले को तो सम्मान मिलता है एक शिक्षक के रूप में मगर, शिक्षित कराने वाले का अस्तित्व कहाँ खो जाता है, क्या उनके बच्चों का कर्तव्य नहीं बनता कि अपने माता पिता को भी लाभ मिलना चाहिए l
लोग आखिर क्यों भूल जाते हैं वो समय जब माँ बाप खुद अपने लिए ना करके बच्चों को पढ़ाते हैं ताकि उनके बच्चों को उनके जैसे दिन ना देखने पड़े, लेकिन शिक्षित कराने वाले को भी वो सुख मिलना चाहिए l
...इत्तफाक से उसी सम्मलेन में माँ जी बेटा भी था, शायद उसे भी सबक मिल चुका था....
कुछ दिनों बाद माँ जी जहाँ भुट्टे बेचती थी वहाँ नहीं मिली, आस पास के लोगों से पता चला कि माँ जी का बेटा आया था शायद माँ जी को ले गया........ l
