रॉयल होटल 1895
रॉयल होटल 1895
परिचय :-
रोशन सिंघाल _नीलिमा जायसवाल, सुनील पांडेय_गोया महंत और आदित्य ग्रोवर ( आदि)_परिणीति ( परि ) और आदि के छोटे भाई डेविड ग्रोवर_ प्रीति जामवाल ।
एक दिन कुछ दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड के साथ लंबी टूर में घूमने के लिए निकले हैं और अपने साथ डेविड अपने बड़े भैया को और उसकी गर्लफ्रेंड को भी अपने साथ ले आता है ।
वे लोग अपने शहर से लगभग 250 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी इलाके में बहुत ही सुंदर ऊंची ऊंची पहाड़ियां और पर्यटन स्थल स्थित है । जहां टूरिस्ट लोगों के लिए एक बड़ा सा भव्य होटल है जो १८८५ का बना हुआ था । होटल का नाम
"रॉयल होटल १८९५" है जिसे देखकर लोगों का दिल खुश हो जाए ।
"दूर एकदम साफ दिख रहा था और अचानक से रास्ते में एक बड़ा पेड़ गिरा हुआ दिखाई दिया वे लोग उस पेड़ के पास पहुंचे और और अपनी कार से उतर कर इधर-उधर देखने लगे सभी आश्चर्य में थे कि दूर से रास्ते इतना साफ दिखाई दे रहा था और पहुंचते ही यह पेड़"
वाकई चारों ओर घना जंगल सुंदर वृक्ष मधुर परिंदों की ध्वनि कानों में गूंज रही थी । हम सभी खुश थे परंतु एक ही चिंता थी कि पेड़ को कैसे रास्ते से हटाया जाए वही एक व्यक्ति गुजर रहा था । वह अपनी कंधे पर एक धारदार चमकती हुई कुल्हाड़ी रखा है, देखने में तो एक लकड़हारा लग रहा था जिनके लंबे बाल घुंघराले महिला धोती कुर्ता कुर्ते के ऊपर एक मोटा सा जैकेट मेला सा ।
"सब का मूड ऑफ हो गया है क्यूंकि अब सोच रहे हैं इस पेड़ को रास्ते से कैसे हटाया जाए" इतने में डेविड उस जाते हुए लकड़हारा को आवाज देता है, काका काका ओ काका सुनिए तो, वह बूढ़ा काका उनकी बातें सुनकर रुक जाता है इतने में रोशन उनके पास जाकर उनको अपनी समस्या बताता है । काका उनका मदद करते हैं और रोड से जैसे ही लकड़ी हटाते हैं कि " सुनील " अचानक से चलते चलते रोड के दाहिने ओर फिसल कर गिर जाता है और ढलान में वह फिसलने लगा आदि उनको पकड़ने के लिए दौड़ता है आदि सुनील को पकड़ते ही एक पत्थर को दोनों पकड़ लेते हैं, लड़कियां उनको देख कर घबरा जाती हैं चिल्लाने लगती हैं।वे दोनों धीरे धीरे से चड़ते हुए ऊपर आ जाते है,
उसकी गर्ल फ्रेंड गोया :- तुम ठीक हो ?
सुनील :-( हकलाते हुए) हाँ मैं ठीक हूँ
वे सब कार में बैठते हैं और काका को डेविड थैंक्स कहता है,
काका :- "बेटा सुनो ! तुम लोग कहां जा रहे हो ।"
आदि :- "काका हम लोग यहां टूर पर आए हैं घूमने के लिए हम लोग रॉयल होटल १८९५ में कुछ दिन रुकेंगे ।"
काका :- "बेटा आप लोग मेरी बात माने तो यहां से वापस चले जाए यह जगह आप लोगों के लिए नई है और चारों ओर जंगली जानवरों से भरा हुआ है यह जगह खतरों से खाली नहीं है ।"
"काका ठीक है", कहते हुए सब नजरअंदाज कर देते हैं और होटल की ओर निकल पड़ते हैं ।
काका :- "हे ईश्वर! इन बच्चों की रक्षा करना ।"
कुछ ही दूर जाने पर उनको सड़क पर एक व्यक्ति चलता हुआ दिखाई देता है रोशन उसे लंबी होने देता है वह सभी दोस्त कार में ही बैठे रहते हैं और वह व्यक्ति उनको मुड़कर देखता है और उनके कार के पास आता है ।
"वह आते ही परी के मालिक की लॉकेट को करीब से घूरता है और घूरते हुए कहता है "
"याद करो तुम्हारी पिछली जन्म याद करो वह तुम्हें यहां बुला रही है। "
"तुम सब मरोगे"
"मरोगे"
"मरोगे"
कहते हुए वाह वहां से दारू की बोतल पीता हुआ चला जाता है ।
गोया :- "यह जंगली आदिवासी भी ना, अनाब-सनाब कहते रहते हैं ।"
नीलिमा :- "यार आप लोग इस पागल की बातों को छोड़ो और चलो उनकी बातें सुन सुनकर मुझे तो घबराहट सी लग रही है ।"
क्रमशः
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