रोड और फ़ोन
रोड और फ़ोन
एक रोज़ मैं रोड पर चली देखा मैंने लोगों के हाथ में फ़ोन घड़ी- घड़ी। एक लड़का चल रहा है ये क्या! उसके हाथ में फ़ोन लगा है आँखे गड़ाए न जाने उसमें क्या निहार रहा है? रेंग-रेंग कर चल रहा है।
मैं बेचारी तेज़ चलने वाली उसके पीछे- पीछे मुझे भी रेंगना पड़ रहा है।
क्या करूँ? बाकी जगह गाड़ियों का बौछार लगा है।जैसे- तैसे आगे बड़ी ये क्या! एक लड़की फ़ो चलाती हुई नाली में जा गिरी। चोट की उसे परवाह नहीं उसका फ़ोन उसे कहीं मिला नहीं घबराकर नाली में डाला हाथ फ़ोन मिला तो आई उसकी जान में जान। वहाँ से आगे बढ़ी
तो देखा क़तार लोगों की थी।
"क्या हुआ है?"
"एक्सीडेंट।"
"ओ शिट कार तो पूरी कबाड़ हो गई उसमें से लड़का आधा निकल पड़ा है। शरीर थोड़ा हिल रहा है।"
"अरे! इसे कोई अस्पताल तो लेकर जाओ।"
"अरे! पुलिस के लफड़े में कौन पड़ेगा!"
यहाँ भी लोगों के फ़ोन निकले वीडियो रिकॉर्डर ऑन हुआ लड़का रोड पर तड़पता रहा लोगों ने वीडियो बनाना बन्द नहीं किया।धीरे-धीरे लड़के ने दम तोड़ना शुरू किया।लोगों का जंगट्टा ख़त्म हुआ। वीडियो वायरल हुआ सबने देखा। थोड़ी देर का दुःख हुआ फिर सब बैक टू नॉर्मल हुआ।
