प्रेरणादायक कहाानी
प्रेरणादायक कहाानी
एक बहुत ही गरीब बच्चे को कहीं से ₹50 का नोट मिला। वह ₹50 आते ही मार्केट में जाता है और अच्छे खाने पीने के सपने देखने लगता है। बाजार में जाकर देखता है कि एक छोटी सी चाय की दुकान में एक बुढ़िया खड़ी थी,। कहीं से एक बॉल आया और बुढिया की दुकान के सारे चाय के गिलास टूट गए। थोड़ी देर में एक बच्चा अपना बोल लेने दुकान में आया। उस बुढ़िया ने उस बच्चे को देखा, उसके सिर पर हाथ रखा, मुस्कुराई और बोल वापस दे दिया। दूर खड़ा गरीब बच्चा जिसके पास ₹50 थे वह यह देखकर रुका और कुछ सोचने लगा। थोड़ी देर बाद उस बुढ़िया की दुकान में वैसे ही कांच के गिलास आ गए थे। जब बुढ़िया ने आसपास देखा तो वहां कोई नहीं था लेकिन उसे देख कर वह खुश हो गई। गरीब बच्चे ने अपना मुंह भी बुढिया को नहीं दिखाया और वहां से चला गया। कांच के कप उस बच्चे ने ही वहा रखे थे।
बात बहुत छोटी है लेकिन इसमें गहराई है। अगर एक छोटा बच्चा जिसने कभी ₹50 देखे ही नहीं थे या कभी फिर मिलेंगे यह पता नहीं था। फिर भी बच्चे ने बुढ़िया के बिहेवियर को देखकर अपनी इच्छाएं तुरंत खत्म कर दी वह कोई कम बात नही है।
*मीनिंग है अगर हमारे में अंदर से संतुष्टता, मोटिवेशन या inspiration के संस्कार होंगे तब ही हम दूसरो में से वह ले और दे सकेंगे। सायद सच्चा विघ्न विनाशक कहीं वह बच्चा या बुढिया की आंतरिक सोच नहीं है ! जो आत्मा को संतुष्ट करने की शक्ति रखती है ?
