कितनों ने खिलौना समझा, कितनो ने कतपुतली समझा पर स्त्री प्रेम कोई नहीं समझा। कितनों ने खिलौना समझा, कितनो ने कतपुतली समझा पर स्त्री प्रेम कोई नहीं समझा।
वास्तविक जगत को और विशेषकर साहित्यिक जगत को काफी कुछ समझ गया है ! वास्तविक जगत को और विशेषकर साहित्यिक जगत को काफी कुछ समझ गया है !
सहवास मधुर पलों का, विद्युत संचार का। सहवास मधुर पलों का, विद्युत संचार का।
एक औरत का रोना और खाना दोनों ही कभी किसी को दिखना नहीं चाहिए। एक औरत का रोना और खाना दोनों ही कभी किसी को दिखना नहीं चाहिए।
व्यक्ति की गलती के लिए किसी भी धर्म की मानहानि, किसी भी धर्म में ईश निंदा गलत है ! व्यक्ति की गलती के लिए किसी भी धर्म की मानहानि, किसी भी धर्म में ईश निंदा गलत है...
घंटी की आवाज सुनकर सभी को हाथ के इशारे से आशीर्वाद देते हुए दूसरी कक्षा में जाने के लिए घंटी की आवाज सुनकर सभी को हाथ के इशारे से आशीर्वाद देते हुए दूसरी कक्षा में जाने...