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sargam Bhatt

Drama Action Fantasy

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sargam Bhatt

Drama Action Fantasy

पीटने वाली दुल्हन

पीटने वाली दुल्हन

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अब अपनी शादी के बारे में मैं क्या बताऊं ? मेरी शादी को मैं लव मैरिज मानूं, या अरेंज ! मुझे खुद ही नहीं समझ आ रहा।

दरअसल मेरी शादी, मेरे पापा के दोस्त और मेरे पड़ोसी के रिश्तेदार के बेटे से हुई है।

मेरी सासू मां का ननिहाल मेरे घर के पास ही था, वाह शादी के बाद बच्चों को लेकर, ननिहाल अधिकतर जाया करती थी।

हम लोग और सासू मां के दोनों छोटे बेटे, मिलकर खूब उधम मचाते।

एक साथ खेलते, लड़ाई झगड़ा मारपीट सब कुछ करते थे।

मैं अपने पतिदेव को मारपीट कर भाग लेती थी, और वह बेचारे रोते हुए चले जाते थे।

धीरे-धीरे हम लोग साथ ही बड़े हुए, हम दोनों में एक अनकहा सा प्यार हो गया था, लेकिन यह बात घरवालों को नहीं पता थी।

मेरे मम्मी पापा को यह बहुत पसंद थे, और इनके मम्मी पापा को मैं बहुत पसंद थी, बिना हम दोनों को बताए ही, सभी लोग मिल कर हमारा रिश्ता तय कर दिए।

जब मुझे पता चला मेरी शादी तय हुई है कहीं, तो मुझे बहुत बुरा लगा, इनको भी लगा होगा पर मुझे पता नहीं।

पापा ने कहा कल वो लोग आ रहे हैं, देखने ! अपने परिवार के साथ,

मैंने कहा पापा मुझे अभी शादी नहीं करना।

पापा एक बार देख लो, आगे तुम्हारी मर्जी।

मैंने पूछने मन से सिर्फ इतना ही कहा, ठीक है।

दोपहर तक वह लोग आ गए।

मैं पहले से ही देखना नहीं चाहती थी, इसलिए नॉर्मल कपड़ों में ही थी, कोई तैयारी नहीं की थी। वह भी साधारण में ही थे, शायद वही खुश नहीं थे। क्योंकि उन्हें भी नहीं पता था ,किसे देखने जाना है।

जब मुझे सामने लाया गया, मेरी बहनों द्वारा, तो वह अचानक से बोले ! अगर मैं इससे शादी कर लूंगा, तो यह शादी की बाद मुझे और पीटेगी।

ये तो पीटने वाली दुल्हन है।

इतना सुनते ही मैंने अपना नीचे झुका हुआ सर ऊपर उठाया।

और सामने इनको देख कर मैं बहुत खुश हुई, और मुझे अपनी तरफ देखता हुआ पाकर यह भी बहुत खुश हुए, शायद मुझे अपनी तरफ देखने के लिए ही ऐसा बोले थे।

सब लोग मुझे पीटने वाली दुल्हन सुनकर, ठहाका लगाकर हंसने लगे। क्योंकि उन लोगों को मेरी सारी बातें पता थी।

फिर हम दोनों को कुछ देर के लिए अकेले में छोड़ दिया गया, बातें करने के लिए। जब मैंने पूछा, आपने ऐसा क्यों कहा ? मैं पीटने वाली दुल्हन हूं?

उन्होंने कहा अपनी जानेमन का मुरझाया हुआ चेहरा खिलाने के लिए, मेरी जान का चांद सा चेहरा गुस्से से सूख जो रहा था।

मुझे बेसब्री हो रही थी, अपनी जान को यह बताने के लिए कि सामने मैं ही बैठा हूं। इस बात को आज जब भी याद करती हूं, अजब सी खुशी महसूस होती है।


और साथ ही जब कोई पीटने वाली दुल्हन याद दिलाता है तो पूरा घर हंसी और ठहाके से गूंज जाता है।

ईश्वर से यही कामना है हमारा प्यार और हमारे घर की खुशियां ऐसे ही बरकरार रहे।



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