पहला प्यार
पहला प्यार
इस दुनिया में सबसे पहला और निश्छल प्यार एक माँ का होता है जो की आने वाले नवजात शिशु के अहसास मात्र से हर माँ के ह्रदय में उमड़ने लगता है और रोमांचित करने लगता है और सबसे बड़ी रोमांचित करने वाली बात ये होती है यह खुशख़बरी माता पिता के अलावा परिवार के सभी सदस्य को रोमांचित कर देती है, फिर चालू होता है सभी का इस अनजाने चेहरे को पाने का प्यार और आनन फानन में सभी सदस्य कदम कदम पर माँ को सावधानी से कार्य करने की सलाह देते रहते। घर के बड़े बुजुर्ग समय समय पर खान पान की चीज़ो से अवगत कराते रहते है यही वो पहला प्यार होता है जिसको पाने के लिए हर स्त्री सारी तकलीफ़,पीड़ा को सहन करते हुए हर पल अपनी कोख में उस नवजात का अहसास करते हुए 9 महीने तक उस प्यार को पाने का इंतजार करती है। मेरी नजर में इस प्यार से बड़ा संसार में कोई प्यार नहीं है क्योंकि पति पत्नी,भाई बहन,भाई भाई,माता पिता का प्यार ये सभी प्यार रिश्तों के प्यार है और नवजात की एकमात्र खबर से माता पिता और पूरे परिवार में उमड़ा प्यार ही एकमात्र सच्चा पहला निश्छल प्यार होता है।