पहला इंटरव्यू
पहला इंटरव्यू
आज भी याद है मुझे मेरा पहला इंटरव्यू । आखरी साल चल रहा था मेरा इंजीनियरिंग कॉलेज में, बस 6 महीने बचे थे इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने में ।कॉलेज में प्लेसमेंट के लिए कंपनियां आनी शुरू हो गई थी। मैं बहुत उत्साहित थी ।कॉलेज में लेक्चर चल रहा था तभी टीपीओ (Training placement officer) सर आए और बोले कल गूगल कंपनी वाले आएंगे, अच्छे से इंटरव्यू की तैयारी करो और हां सभी फॉर्मल कपड़े पहनना इंप्रेशन अच्छा पड़ेगा। गूगल का नाम सुनते ही मेरे मन में खुशी की लहर दौड़ पड़ी ।मेरा सपना था कि मैं गूगल जैसी बड़ी कंपनी के साथ काम करू। मैं में डर भी था कि सिलेक्शन होगा कि नहीं क्योंकि सवाल आसान तो नहीं होगे पर मुझे कॉन्फिडेंस से जवाब देना है ।अगर बड़ी कंपनी में जॉब चाहिए तो तैयारी के साथ साथ आत्मविश्वास भी जरूरी है ।ऐसे कई सवाल मेरे मन में चल रहे थे ।मुझे जीतना है इसी पॉजिटिविटी के साथ मैं घर आ गई। रात भर खूब तैयारी की सारी किताबें पढ़ ली ताकि कुछ छूट ना जाए ।कोई भी सवाल आए मैं आत्मविश्वास से उसका जवाब दे सकूं। रात बीत गई सुबह नहाकर अच्छे से तैयार होकर मैं भगवान का आशीर्वाद लेने मंदिर गई। प्रार्थना करि हे प्रभु आज मेरा प्लेसमेंट हो जाए ।पहला इंटरव्यू था मेरे जॉब के लिए ।टाइम से पहले ही मैं कॉलेज पहुंच गई। सबसे पहले लाइन में मैं बैठी थी। कुछ समय बाद कंपनी वालों ने इंटरव्यू लेना शुरू कर दिया ।वे लोग बेस्ट 5 को ही सिलेक्ट करेगे यह पता था। एक-एक कर सब से सवाल पूछे जा रहे थे। मेरी भी बारी आ गई। मैंने बहुत ही समझदारी और आत्मविश्वास के साथ उनके सारे राउंड क्लियर किए। इंटरव्यू खत्म हो चुका था। अब मन में डर था कि क्या मैं वो बेस्ट 5 में आऊंगी। रिजल्ट के इंतजार में मैं इंटरव्यू हॉल के बाहर चक्कर काट रही थी कि कब अनाउंस होगा और मेरा नाम आएगा कि नहीं, यही सोच विचार करते करते अचानक आवाज आई," आप का रिजल्ट अनाउंस होने वाला है कृपया अपनी सीट पर बैठ जाए"। मैं जल्दी से लपक कर आगे की सीट में जा बैठी।fingers cross कर, भगवान का नाम लेने लगी। एक-एक कर नाम की घोषणा होनी शुरू हो गई थी ।4 नाम हो चुके थे ।अब पांचवे की बारी थी। धड़कन और तेज हो चुकी थी ।हाथ पैर ठंडे हो गए थे। तभी maam ने बोला "लास्ट के 1 नाम में टाई हो चुका है दोनों के नंबर बराबर है। अब उन दोनों से एक सवाल किए जाएंगे ।जिसका जवाब सटीक होगा वही हमारे बेस्ट 5 में शामिल होगा।" अब वे दो नाम कौन थे यह भी एक सवाल ही था। मुझे बहुत डर लग रहा था कि मेरा नाम है भी या नहीं। हे भगवान सुबह-सुबह मंदिर जाकर प्रार्थना भी की ,प्रभु मेरा सिलेक्शन करवा दो चलो शाम को आपके लिए मिठाई भी लाउगी । मैं भगवान को मस्का लगाने लगी। उनसे बातें करने में इतनी खो गई कि मेरा नाम कब अनाउंस हुआ मुझे पता ही नहीं चला। दो नाम अनाउंस हुए थे जिसमें एक मै थी दूसरी पूनम। पूनम स्टेज पर जा चुकी थी और मैं यहां भगवान से बातें करने में मशहूल थी । ma'am ने जोर से गुस्से में मेरा नाम पुकारा आंचल where are you? Come fast otherwise you will be disqualified by me. Ma'am की आवाज से मेरा ध्यान भंग हुआ और मैं भागी भागी स्टेज पर पहुंची । ma'am ने गुस्से से बोला कई बार आवाज लगाने के बाद भी तुम्हें सुनाई नहीं दिया। इतनी लापरवाही !! गूगल को ऐसे employee कि जरूरत नहीं। तुम्हें एक मौका मिल रहा था पर तुमने खुद के बेपरवाह अंदाज के द्वारा उसे खो दिया । जाओ !! अब जाकर वापस अपने ध्यान में लग जाओ।
मैंने बहुत मिन्नतें की ।सॉरी मैम मेरे से गलती हो गई दुबारा नहीं होगा प्लीज एक चांस दे दीजिए। पहले भगवान से विनती और अब जॉब के लिए maam से मिन्नतें। मन ही मन अपने को असहाय महसूस कर रही थी ।बता भी नहीं सकती कि maam आपकी आवाज़ मेरे कानों में क्यों पड़ी।मेरे कान में तो नारायण के सुदर्शन चक्र की ध्वनि गूंज रही थी ।बहुत मिन्नतो के बाद maam मान गई। उन्होंने 1-1 पेपर हम दोनों को दिया और उसमें जवाब लिखने को बोला। मैंने लिख दिया जवाब और answer पेपर रखते समय मैंने उस table को हरि के चरण समझ नतमस्तक करते हुए paper रख दिया। Ma'am ko मेरा रवैया बड़ा अजीब लग रहा था क्योंकि मैं घुटने के बल बैठ आंसर शीट हो टेबल पर रखी थी। नतमस्तक तो करी ही साथ में प्रणाम भी किया क्योंकि मैं तो नारायण को समर्पित कर रही थी। पर maam कहां समझ पाती कि मेरे मन में क्या चल रहा है ।मैं चुपचाप सर झुका कर खड़ी थी result के इंतजार में तभी आवाज आई आंचल यू आर सिलेक्टेड ।मानो मेरे पैर के नीचे से जमीन खिसक गई हो ।आज भी वो आवाज मेरे कानों में गूंजती है ।विश्वास नहीं हो रहा था कि सच में मैं सिलेक्ट हो चुकी हूं। मैंने प्रभु को धन्यवाद किया ।
पता है मैम का सवाल क्या था ?"आप गूगल में काम क्यों करना चाहते हो? हाई सैलेरी के लिए या फिर गूगल की employee बनकर अपना नाम गूगल के साथ जोड़ने के लिए" मैंने जवाब दिया था मैं गूगल में सिर्फ काम नहीं करना चाहती मैं गूगल से बहुत कुछ सीखना चाहती हूं।
