पहचान
पहचान
राधिका एक हाउसवाइफ थी या यूं कहें क्वीन ऑफ हाउस थी ।वह एक अच्छी पत्नी ,अच्छी मां, अच्छी बेटी और अच्छी बहू थी। हर रिश्ते को वो बखूबी निभाती। कोई उसे राहुल की पत्नी , आकृति की मम्मी कह कर बुलाता तो कुछ लोग उसे सारिका की बेटी या फिर श्याम लाल जी के घर की बहू कहते । उसके खुद के नाम से उसे बहुत कम ही लोग पहचानते थे। वैसे तो राधिका बहुत ही प्यारा नाम था पर कभी कोई उसे राधिका कहकर नहीं पुकारता। वह तरस जाती अपना नाम सुनने के लिए ।वो चाची, मामी ,भाभी सब बन गई पर उन सब के बीच राधिका मानो खो गई थी ।उसकी अपनी पहचान धुंधली पड़ गई थी ।कई बार उसके मन में ख्याल आता कि लोग उसे उसके नाम से जाने। वह नाम कमाना चाहती थी पर एक हाउसवाइफ घर के काम के अलावा कुछ करना चाहे तो बाहर वाले तो बाद में, सबसे पहले घर वाले ही रोड़े बन जाते हैं। कभी-कभी राधिका बहुत उदास हो जाती क्योंकि चाह कर भी वह कुछ कर नहीं पा रही थी। उसने अपने घर वालों को बहुत समझाने की कोशिश की ,पर वह राधिका की बातों को समझने के लिए तैयार ही नहीं थे ।क्या करना है नाम कमा कर उसकी सास ने उसे डांट कर बोला" हमारे यहां बहू की पहचान हमारे बेटे से ही होनी चाहिए, यहीं हमारे घर की रीत है। जाओ जाकर अपने ससुर जी को चाय दो और रात के खाने की तैयारी करो। बहुए चौका चूल्हा संभाले वही अच्छा लगता है।" सास ने फिर गुस्से में बोला, " पहचान कमाना है ??? तुम्हारी पहचान मेरे बेटे से है , वो तुम्हे कम लगता है ? बड़ी आई पहचान कमाने वाली " बोलते बोलते सास गुस्से में उठ कर वहां से चली गई।
राधिका भी अपने घर के काम में व्यस्त हो गई पर उसे तो कुछ करना था। हमेशा वह सोचती रहती शुरुआत कैसे करूं ताकि घर वाले भी नाराज ना हो और मुझे भी लोग राधिका के नाम से जानने लगे। राधिका को कंप्यूटर का नॉलेज था। वो घर के सारे काम करने के बाद कंप्यूटर के साथ समय बिताने लगी। राधिका अलग अलग प्रतियोगिता में भाग लेने लगी और देर रात तक पढ़ कर सही जवाब देकर हर प्रतियोगिता को जीतने लगी। लगभग 5 साल बीत गए इसी तरह ।राधिका ने अपना पूरा ध्यान अपने घर के काम और जितना ज्यादा हो सके हर प्रतियोगिता में भाग लेने में बिताने लगी ।घर वाले भी खुश थे कि चलो इसका बाहर जाकर काम करना ,अपनी पहचान बनाने का भूत तो सर से उतरा।हां सास कभी कभी गुस्सा करती कि क्या पूरे दिन इस डिब्बे से चिपकी रहती है ।पर राधिका उनकी बातों का बुरा नहीं मानती।
अचानक एक दिन दरवाजे पर घंटी बजी। राधिका ने दरवाजा खोला तो वह आश्चर्यचकित रह गई ।सामने पत्रकार न्यूज़ रिपोर्टर सब खड़े थे और वे लोग राधिका को बधाइयां दे रहे थे क्योंकि राधिका ने बहुत सारे प्रतियोगिता जीतकर इंटरनेट पर अपनी पहचान बना ली थी। उस दिन सब उसे राधिका मैम कह रहे थे। राधिका का इंटरव्यू लेना चाहते थे। वह बहुत खुश थी। उस उसकी पहचान मिल चुकी थी ।
आज वह राहुल की पत्नी से राधिका मैम बन चुकी थी ।