निर्भयता
निर्भयता
सीमा और मीना बहुत अच्छी सहेलियाँ थी। दोनों एक-दूसरे से कभी कुछ नहीं छुपाती थी पर मीना बहादुर थी और सीमा बहुत डरती थी।
दोनों साथ ही स्कूल जाती थी। कुछ कारणवश मीना को बाहर जाना पड़ा। अब सीमा अकेली ही स्कूल आया- जाया करती थी।
कुछ दिन के बाद स्कूल में राहुल नाम का एक लड़का उसे परेशान करने लगा। सीमा उसे कुछ नहीं बोलती थी क्योंकि वह बहुत डरती थी।
जब मीना शहर से वापस आ गई तब सीमा ने उसे सब कुछ बता दिया। मीना ने उस लड़के को बहुत भला-बुरा सुनाया और उसकी अक्ल ठिकाने लाई।
उस लड़के ने उनसे माफी माँगी और वहाँ से चला गया। मीना ने सीमा से कहा, "अगली बार में नहीं आऊँगी। इन जैसे लड़कों से बचने के लिए तुम कब तक मेरे भरोसे जियोगी ? तुम कब निर्भय हो जाओगी ? तुम कब अपनी रक्षा खुद करना सिखोगी ? तुम जैसी कितनी लड़कियाँ है जो ऐसे लड़कों से डर-डरकर जी रही हैं और उस लड़के जैसे लफंगे तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ते। इन सब परिस्थितीयों का सामना करने के लिए अपने आप को तैयार करो।"