अनहोनी
अनहोनी
खानपुर नाम का एक गाँव था।
उस गाँव में एक विद्यालय था। उसका नाम आदर्श विद्यालय था। उस विद्यालय में बहुत से लड़के-लड़कियाँ पढ़ने आते थे। उस विद्यालय में एक सुनीता नाम की लड़की पढ़ती थी। वह बहुत शांत स्वभाव की थी । एक दिन उसे उसके क्लास का एक किशोर नाम का लड़का उसे तंग करने लगा।
उसने यह सब अपने भाई सुनील को यह सब बता दिया। सुनील को यह सब सुनकर चिढ़ गया गयी और वह किशोर के पास चला गया और उसे बहुत भला बुरा सुनाता है। तभी सुनील उसकी बहन छाया को सामने लाता है और कहता है तुम्हे मेरी बहन को छेड़ने में शर्मिंदगी महसूस नहीं हुई तो मुझे तेरी बहन को छेड़ने में किसी भी प्रकार की शर्मिंदगी महसूस नहीं होनी चाहिए।
यह सब सुनकर सुनील चौंक जाता है और दोनों से माफ़ी माँगता है और वहाँ से चला जाता है।