Bhawana Tomar

Inspirational

4.0  

Bhawana Tomar

Inspirational

नई उम्मीदें

नई उम्मीदें

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"नहीं ,बोल दिया न, अब तू आगे नहीं पढ़ सकती। " पिता ने सख़्त लहजे में सविता से कहा।

"पर क्यों पिताजी? " सविता ने सुबकते हुए पूछा।

"ज़माना खराब है, उच्च शिक्षा के लिए गाँव से बाहर हम तुम्हें नहीं भेज सकते। "पिता ने जवाब दिया।

सविता ने निराश मन से अपनी मौसेरी बहन सीमा को फोन करके सब बात बताई तो उसने कहा

"अरे पगली, अब ओपन यूनिवर्सिटी से घर बैठे भी उच्च शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। " सीमा की बातों से सविता के मन में अपनी पढ़ाई को लेकर नई उम्मीदें जाग उठी। 




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