मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
एक बार एक मेडम थी। जो एक टीचर थी। और वो एक दिन अपने घर पर बैठकर अपने स्कूल के बच्चों के एक्जाम पेपर्स चैक कर रही थी। उस औरत के पति भी साथ में बैठे थे, और वो अपने मोबाइल फ़ोन में गेम खेल रहे थे।
पेपर चेक करते करते उस मेडम के आँखों में आसूं आने लगे। उस औरत के पति ने उसकी तरफ देखा और पुछा "तुम क्यों रो रही हो?" उसके बाद उस औरत ने बताया की मैंने एक्जाम में "मेरी चाह" के विषय पर निबंध लिखने को दिया था।
उस मेडम के पति ने फ़ोन में देखते हुए बोला की "इसमें रोने वाली कोनसी बात है।"
उस मेडम ने अपने आंसू पोछते हुए अपने पति से कहा "मैं तुम्हें पढ़कर सुनाती हु, एक बच्चे ने क्या लिखा हैं।"
मेरे माता पिता अपने मोबाइल फ़ोन से बहुत प्यार करते है। वो उस मोबाइल फ़ोन का इतना ध्यान रखते है की मेरी देखभाल करना भी भूल जाते है। जब मेरे पापा शाम को नौकरी से घर आते है तो उस समय उनके पास मोबाइल फ़ोन के लिए समय होता है पर मेरे लिए नहीं!!
जब मेरे माता पिता काम में बहुत व्यस्त होते है, और उनका मोबाइल फ़ोन बजता है तो वो लोग उसका तुरंत जवाब देते है। पर मेरी बातों का जवाब नहीं!!
वे मोबाइल फ़ोन में गेम खेलते है पर मेरे साथ नहीं!!
जब वे फ़ोन पर किसी से बात कर रहे हो तो मेरी बात कभी नहीं सुनते, चाहें मेरी बात कितनी भी जरुरी हो!!
इसलिए मेरी (मेरी चाह)" हैं की मैं मोबाइल फ़ोन बनु!!
यह सब सुनकर उस मेडम के पति की आँखों में आँसु आ गए।
उसके बाद उस मेडम के पति ने पुछा "इस बच्चे का नाम क्या है?"
तब उस मेडम ने अपने पति को बताया की "यह हमारी ही अपनी बेटी ने लिखा है।" तब उन्हें बहुत दुःख हुआ |
हमें सांसरिक वस्तुओं (फ़ोन, जमीन) के लिए अपने परिवार को नहीं खोना चाहिए। मोबाइल फ़ोन हमारे जीवन को एक सुविधा देने के लिए है, हमें गुलाम बनाने के लिए नहीं।
अभी भी देर नहीं हुई है, अपने परिवार के साथ समय बिताये। और वो समय याद कीजिये जब इंटरनेट और मोबाइल फ़ोन नहीं थे।
कुछ समय के लिए अपने फ़ोन को साइड में रखिये और अपने बच्चों, अपनी पत्नी, अपने माता पिता के साथ समय बिताये और उनसे बातें करे।
अपने बच्चो और समाज की नजर में एक सकारात्मक उदाहरण बने नकारात्मक नहीं इसलिए प्यार दोगे तो प्यार मिलेगा।
