मेरी माँ
मेरी माँ
एक विधवा माँ अपने बेटे को पाल रही थी गरीबी इतना थी कि वह लोगों के घर कूट पीस कर एवं सिलाई करके किसी तरह जीवन व्यतीत कर रही थी । उधर उसका लड़का ज्यों ज्यों बड़ा होता उसकी मांग बढ़ती जा रही थी। गरीबी से तंग आकर वह घर छोड़कर शहर भाग गया। और वहीं मेहनत मजूरी करने लगा। कुछ दिन बाद वह ठेकेदार बन गया और बहुत बड़ा आदमी हो गया। एक दिन उसको अचानक चोट लगी माँ का नाम निकला। उसने सोचा कि ठीक होते ही माँ को देखने जाऊँगा। उसने एक ट्रक में खूब सारा सामान अपनी माँ के लिए रखा और गाँव के लिए चल पड़ा। गांव में पहुँचते ही यादें ताजा हो गयी और वह अपने माँ के घर जा पहुंचा। बोला माँ आपने हमें पहचाना ? मां ने कहा कि अपने बेटे को कौन भूल सकता है तू छोटा सा था तभी छोड़कर चला गया था बेटा। लड़के ने मां से बोला देखो तुम्हारे लिए कितना सामान लाया हूँ ? इतने सामान में तुम्हारा बुढ़ापा बहुत अच्छे से बीत जायेगा। समान क्या करूँ बेटा सबसे बड़ी दौलत तो तुम हो माँ ने सर पर हाथ फेरते हुए कहा। बेटे ने कहा इस सामान को रखो और कम पड़ेगा तो ले आऊंगा माँ मुझे जाने दो लाखों करोड़ों का बिजनेस है हमारा नुकसान हो जाएगा। माँ ने कहा एक रात तो रुक जा बेटे भर नजर देख तो लूँ।
फिर बहुत जिद करने पर वह रुकने को राजी हुआ। माँ ने प्यार से अपने हाथों से खाना खिलाया और खाट बिछा दी खुद बोरा पर लेट गयी। जैसे ही बेटे को नींद लगी एक गिलास पानी बिस्तर पर डाल दिया, लड़के ने करवट ली सूखे की तरफ हो गया। थोड़ी ही देर में उधर से भी एक गिलास पानी और डाल दिया। अब लड़के को गुस्सा आया और बोला इसी लिए हमें रोक रही थी कमीनी सही से सोने भी न दिया। माँ ने कहा बेटा मैं यह देख रही थी कि तू मेरा बेटा है कि नहीं। पर तू अब मेरा बेटा नहीं रहा। लड़के को माँ के इस बात से लगा क्या कह रही है माँ? अभी तो कह रही थी कि अपने लड़के को कौन भूल सकता है और अब? माँ ने रोते हुए कहा कि बेटा इसी ठण्डी की रात में तू बिस्तर को पेशाब करके गीला कर देता था और उसके बदले में मैं तुझको अपने सीने पर लिटाकर दूध पिलाती थी खुद गीले में सोती थी। और तू साफ पानी डालने पर हमें गाली दिया तू मेरा बेटा नहीं हो सकता। मां ने जब यह सवाल किया तो लड़के की आँखें खुल गयी वह मां के कदमों पर गिर गया। और कहा कि माँ तुम मुझे माफ़ कर दो मैं तुम्हारे त्याग और दूध का कर्ज इस ज़िन्दगी क्या दूसरी जिन्दगी में भी नहीं चुका सकता। तू बहुत महान है। हमने बहुत बड़ी गलती की तुम्हारे ममता को हमने पैसे और सामान से तौला हम दुनिया की इस भीड़ में भूल गए कि माँ क्या होती है? अब मैं कहीं नहीं जाऊंगा माँ बस तेरी सेवा करूँगा।
जो मां को समझ न पाये वो लोग अजीब होते हैं
जिसने पाया माँ का प्यार वो खुशनसीब होते हैं। ।