मेरा प्यारा बचपन
मेरा प्यारा बचपन
एक दिन की बात है। मैं छोटी सी मैं प्यारी सी यूँ घूम रही थी आंगन में लेकिन एकदम से प्यारा सा कुत्ते का बच्चा मेरे पास आया। उस वक्त मेरी मां ने मुझे एक बिस्किट खाने के लिए दिया था। और मैंने उसे उस कुत्ते के बच्चे को दे दिया। वह कुत्ते का बच्चा मेरा दोस्त बन चुका था। यहां तक की मेरी मां कोई भी चीज लगाती चाहे फिर मेकअप की तो मैं जा उस कुत्ते के बच्चे को लगा देती थी। ना ही कोई डर था ना ही कोई मन में शंका थी। मुझे उस कुत्ते के बच्चे से खेलना बहुत अच्छा लगता था। जब भी मैं उस कुत्ते के बच्चे से खेलती थी तो वह खुश हो जाता था। मैंने उस कुत्ते के बच्चे का नाम टॉमी रखा था। मुझे ना बहुत पसंद था मैं उसे जो खाती थी वह भी देती थी। मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि मेरे टॉमी को हमेशा मेरे साथ रखें।
