"मेरा घर कौनसा है"
"मेरा घर कौनसा है"
मेरा घर कौनसा है बता दो मां
ना ये घर मेरा है ना वो घर मेरा
हर घर ने पराई कह दिया मां।
मैनें मका को जन्नत में तब्दील किया है
फिर हर घर से क्यों बेदखल किया मां।
मेरी ख्वाइशों को मार दिया
मेरे आत्मसम्मान को तार तार किया मां
मैं रह गई मन मार कर
अपने हालातों से हार कर मां
तूने अपने आंचल में सुलाया
फिर क्यों किसी और को मेरा हाथ थमाया मां
मेरे पैरों में बांध दी बेड़ियां
उसे लज्जा की आड़ दी मां।