लोकतंत्र का अहसास
लोकतंत्र का अहसास
देश में चल रहे फीस वृद्धि के खिलाफ छात्र आंदोलन ने महाविद्यालय की बी ए प्रथम वर्ष कला संकाय की छात्रा शिवानी को भी उद्वेलित कर दिया।
आज होने वाले शांति मार्च में उसने भी बढ़ कर हिस्सा लिया।आज उसने पहली बार जाना कि लोकतांत्रिक राष्ट्र में रहने का तात्पर्य मात्र स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस मनाना नहीं है और न ही मात्र संविधान की प्रस्तावना को दोहरा लेना।
लोकतंत्र का तात्पर्य है अपनी सही मांग के लिए आवाज़ उठाना।आज उसने महाविद्यालय प्रांगण में लगी महात्मा गांधी की मूर्ति को मुस्कुराता हुआ महसूस किया।
