Sunil Gajjani

Inspirational

4.5  

Sunil Gajjani

Inspirational

कस्तूरी

कस्तूरी

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पति मुस्कुराता हुआ अपने मोबाइल पर फटाफट उंगलियां दौड़ा रहा था तो बेडरूम में बहुत देर से पास बैठी उसकी पत्नि उसे बड़ी खामोशी से देख रखी थी , मगर अब ये उसकी आदत में शुमार हो गयी थी और इस दौरान वो जब भी कोई बात अपने पति से करती तो जवाब ''हां '' ''हूँ'' में ही होता या नपे-तुले शब्दों में !.ऐसा देख वो झुँझला उठती थी, मगर करे क्या ? विवश हो अपनी भावनाओं को मसोस कर रह जाती ! मगर उस रात वो अपने पति के कंधों पे सर रखती बोली.! 

''किसी से चैटिंग कर कर हो?''

''हाँ , अपनी अमेरिकन फ्रेंड से ''

''अच्छा ! फिर वो तो बहुत सुंदर होगी , है ना ?''

''हूँ ,साथ ही दिल की भी एक दम साफ़ , कहती है भारतीय संस्कृति से मैं बहुत प्रभावित हूँ !''

पत्नि को मोबाइल पर उसकी फोटो दिखाते हुए प्रत्तुतर दिया !

'हाँ , गर्व है हमे हमारी संस्कृति और हमारी संस्कृति तो है ही ऐसी ! अच्छा , क्या-क्या बाते करते हो आप दोनो आपस में ?''

'''ये मुझसे अपने हर सुख-दुःख की बात शेयर करती है , कुछ दिनों पकि हले अपने चल रहे लव अफेयर का ब्रेकअप हो गया था इसलिए उस घटना के बाद इन दिनों ये बहुत ही नर्वस रहती , बहुत अकेलापन महसूस करती है बेचारी ,हर समय खोयी-खोयी रहती है !'' पति ठंडी साँस भरता पत्नि से बिना नज़रे मिलाए लगातार मोबाइल पे अंगुलियां.दौड़ाता बोला ! 

''तो आप सुख-दुःख के साथी है इसके ?''

''अफकोर्स यार, बेचारी का अगर.मेरे कारण कुछ मन बहल जाए तो क्या हर्ज़ है , बल्कि मुझे तो ख़ुशी ही होगी ना कि मैं इसके कुछ काम तो आया भले ही चैटिंग के ज़रिये ही !'' पति अपनी उँगलियों को कुछ क्षण विराम दे अफ़सोस जताते कहने लगा 

''ओह ! मुझे पता नहीं था की इससे इतना अपनापन है आप का !'' 

पति ने कोई प्रत्तुतर नहीं दिया और वापिस अपनी उँगलियाँ मोबाइल पर दौड़ाने लगा.!

'' तो क्या इससे दोस्ती हमारी शादी जितनी ही पुरानी है या उससे भी अधिक ?! पत्नि ने अपना सवाल दागा और पति की उँगलियाँ ठिठक-सी गयी तथा मुस्कान लिए उत्तर दिया !

''अरे यार तुम भी ना , बस कुछ ही महीनो पुरानी है !''

''फिर भी इतना लगाव ?'' सुलगता-सा एक फिर सवाल किया ! 

पति की कुछ क्षण उँगलियाँ खामोश रही ! अपनी पत्नि के गम्भीर हो रहे चेहरे की और एक झलक देख कहा -

''माय डिअर, चैटिंग करते-करते हो जाता है मगर तुम ऐसा-वैसा कुछ मत समझ लेना ,समझी ना !'' 

इतना कह तुरंत अपनी नज़रे मोबाइल पर गड़ा ली और मैसेज पढ़ने लगा ! तथा पढ़ते-पढ़ते बहुत दर्द भरे लहजे में बुदबुदा उठा !

''ओह्ह्ह,. बहुत बुरा, बहुत बुरा हुआ तब तो ,ये उसकी नादानी थी कि वो तुम्हे समझ नहीं पाया !'' 

''क्या हुआ, क्या हो गया ऐसा ?'' बौखला कर पत्नी ने पूछा !

''अरे यार ,क्या बताऊ तुम्हे , इस बेचारी के साथ बहुत गलत किया इसके लवर ने ! मैंने इस बेचारी से दिल का हाल पूछा था की अब ब्रेकअप से उबर गयी हो ना तो रिप्लाई दिया कि ''भूल नहीं पा रही हूँ अपने उन सुनहरे प्यार भरे दिनों को, डेविड को दिलोजान से चाहा था मगर ,,,,,, !''' 

''उसके दिल का दर्द समझ सकती हूँ मैं !'' वो बीच में ही सजल आँखे लिए अपने फड़कते होठों से बुदबुदायी मानो उसका दर्द अपनी दहलीज लांघने ही वाला था !

''तो उसका दर्द तुम्हे अपना-सा लगा?'' पति विस्मय भाव से अपनी आँखों में एक चमक-सी लिए बोला !

''लगा , बहुत दर्द महसूस हुआ ! क्यूंकि दर्द मुझे भी है ! उसका अकेलापन तो महसूस कर सकते हो जबकि मेरा देख नहीं सकते ! बैडरूम में आप मेरे साथ होकर भी सरहद पार रहने वाली को चैटिंग के ज़रिए करीब पाते हो और मैं एक रूम में हो कर भी खुद को कही सरहद पार किसी बियाबाँ जंगल में महसूस करती हूँ !'' दर्द रुदन में ढल गया और फफक पड़ी !

वो भौचक्का हो अपनी सिसकती पत्नि को देखने लगा ! तभी मोबाइल के मेंसेज की रिंग बजी ! वो कभी अपनी पत्नि को देखता तो कभी मोबाइल को ! रिंग लगातार बजने लगी ! पत्नि की सिसकियां पूरे रूम को अपनी बाहों में समेट- सी रही थी और लगातार बजती रिंग मानो कोई चेतावनी ! लगातार दौड़ने वाली उंगलियां बहुत ही थकी-थकी सी मोबाइल की ओर बढ़ी ! मेसेज पढ़ने के बाद उसने कुछ क्षण सोचा फिर अंग्रेजी में रिप्लाई देते लिखा -''सेलिना , तुम्हे इतना ही कहना चाहूंगा की जो अकेलापन तुम महसूस कर रही थी वो मैं अब अपनी पत्नि में देख रहा हूँ जो अब तक नहीं देख पाया ! इसलिए मैं उसे किसी तनाव में नहीं देखना चाहता शायद तुम उसकी भावनाओं को बखूबी समझ सकती हो ! सेलिना तुमसे दोस्ती यथावत रहेगी ! मगर मैं अब बैडरूम में ही रहना चाहता हूँ , तुम्हारे साथ सरहद पार आभासी दुनिया में नहीं ! कृपया अन्यथा मत लेना ! अपना ध्यान रखना ! खुद को मजबूत रखना ! थैंक्स '' और स्विच ऑफ कर पत्नि को बाहों में भर लिया दिया !


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