STORYMIRROR

हया

हया

1 min
14.8K


'' दादी मुँह फुला लिया ना फिर अपना! अरे दादी, ये महानगर है महानगर यहाँ की लाइफ स्टाइल ही हाई -

फाई है! डिस्को पार्टियाँ तो देर रात तक चलती है और मैं तो फिर भी थोड़ा जल्दी चली आयी! डियर दादी

आप को मेरे ये पहने कपड़े देख कर हैरानी हो रही है ना, प्यारी दादी मैंने तो ये कपड़े फिर भी सलीके से

पहन रखे है जब की आप ने पब और पार्टियों में लड़कियों का पहनावा देखा ही कहा है!

दादी मुँह फुलाऐ सी चुप-चाप बैठी सुन रही थी और पोती उसे मनाने का प्रयास  थी!

''दादी, आप को नाज़ होगा की आप की पोती आप के पोते के कहींं भी कमतर नहीं है और आप जानती

होगी कि मेरे ज़माने की लडकियाँ आप के ज़माने की लड़कियों से मीलो आगे है!''

मानती हूँ ये बात तो की मेरे ज़माने की लड़कियों से तुम्हारे ज़माने की लडकियाँ कोसो आगे है!'’

''तो फिर हर रात जब मैं नाईट पार्टी से लेट आती हूँ, तो आप अपना मुँह क्यूँ फुला लेती है?!''

''बेटा. केवल इतनी सी बात कहूँ कि मेरे ज़माने की लडकियाँ तुम्हारे ज़माने की लड़कियों से एक बात में तो 

हज़ारों मील आगे थी!''

''अच्छा, कौनसी?!'' पोती हसती हुई चौकती बोली!

''हया में!'’


Rate this content
Log in