कहानी एक लड़की की (भाग-3)
कहानी एक लड़की की (भाग-3)
जब एक तरफ सागर के रिश्तेदार उसको इधर उधर की बातें बोल कर चिढ़ाते थे वहीं दूसरी तरफ सागर का चौथा भाई बिट्टू उसको और टीना को सपोर्ट करता था। सागर को मिला के उसके पिता के 5 संतान थे। सागर और बिट्टू अपने बाकी भाइयों से बहुत अलग थे। दोनों ही बेटियों को घर की रौनक समझते थे। पर इन दोनों में से सागर सरल विश्वासी था। लोगों के बातों में आसानी से आ जाता था। वहीं दूसरी तरफ उसका भाई किसी के बातों में आसानी से नहीं आता था पर था बहुत ज़िद्दी। अब बेटी के आने के बाद लोग सागर को भड़काने लगे थे। उसके मां बाप ने भी उसे नहीं बख्शा। मिया बीवी को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने लगे थे सब। सागर के रिश्तेदार उसको ये बोलने लगे के ये बच्ची तेरी नहीं हो सकती। हमें पहले से पता था तेरा पहला संतान लड़का होगा। ज़रूर तेरी बीवी की किसी और के साथ चक्कर चल रही होगी। बार बार यही सब सुन के सागर अब भटकने लगा था।
क्रमशः
