खाली हाथ आए थे, खाली हाथ जाओगे
खाली हाथ आए थे, खाली हाथ जाओगे


आदमी पूरी उम्र पैसे कमाने के लिए दौड़ता भागता है। धन -दौलत जमा करता है, लेकिन मरने के बाद सब कुछ यहीं छूट जाता है।
बहुत पुरानी बात है। एक गांव में बहुत ही धनवान व्यक्ति रहता था। उसने अपने बेटे को वसीयत देते हुए कहा कि बेटा मेरे मरने के बाद मेरे पैरों में ये फटे हुए मोजे जरूर पहना देना, यही मेरी अंतिम इच्छा है। कुछ दिनों बाद उसकी मृत्यु हो गई। बेटे ने पंडित जी से अपने पिता की आखिरी इच्छा के बारे में बताया। पंडित जी ने कहा कि हमारे धर्म में कुछ भी पहनाने की इजाज़त नहीं है। उसने पंडित जी की बात नहीं मानी। गाँव के अन्य पंडितों को वहां बुलाया गया। तभी वहां एक व्यक्ति आया और बेटे के हा
थ में पिता का लिखा हुआ एक खत दे दिया।
खत में पिता की नसीहत लिखी थी -'मेरे प्यारे बेटे। इतनी धन दौलत होने के बावजूद भी, मैं एक फटा हुआ मौजा तक नहीं ले जा सकता। एक दिन सभी को यह दुनिया छोड़कर जाना है। तुम्हें भी एक सफेद कपड़े में ही जाना होगा। ऐसे में हमेशा यही कोशिश करना कि कभी भी पैसों के लिए किसी को दुख मत देना। गलत तरीके से पैसे नहीं कमाना।' फिर क्या था ,बेटे ने पिता की लिखी यह बातें ताउम्र याद रखीं। सदा ईमानदारी की राह पर चलते हुए पैसे कमाए। तभी बड़े -बुजुर्ग कहते हैं इंसान को लालच से दूर रहना चाहिए। बुरे तरीके से चाहे आप जितना धन कमा लें, मृत्यु के बाद तो खाली हाथ ही जाना है।