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Satish Kumar

Drama

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Satish Kumar

Drama

जन्मदिन

जन्मदिन

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सच कहता हूं, बचपन के दिन बेहद हसीन होते हैं। मुझे याद है शायद आज से 3 साल पहले मेरे भैया का जन्मदिन था। उस दिन हमारे परिवारों की संख्या बढ़ गई थी। उस दिन हमारे ढेर सारे रिश्तेदार आए हुए थे। और उस दिन मैंने अपनी मम्मी से फरमाइश की थी, कि शाम का खाना मेरे पसंद का बनना चाहिए। वह था मशरूम की सब्जी के साथ सेवइयां।


तो मम्मी ने मुझे बोला कि जन्मदिन भैया का, और फरमाइश तुम्हारा यह तो नहीं होना चाहिए। तो फिर भैया ने भी बोला था कि ये नहीं बनेगा। उसकी फरमाइश थी की मटर-पनीर की सब्जी के साथ हलवा बनाया जाए। लेकिन किसी तरह मैंने मम्मी से जिद की। मम्मी बनाओ। मेरी मम्मी जल्दी मानी नहीं, उन्हें मनाने के लिए मुझे ना जाने कितने काम करने परे। लेकिन अंत में भैया भी मान गए। और फरमाइश मेरी ही पूरी की गई।


जब रात हुई, पार्टी हुई, पार्टी के बाद मैंने सबसे पहले थाली लेकर मम्मी के पास खाना मांगने के लिए गया था। लेकिन मेरी किस्मत खराब कि वो मुझे काम पर काम देते जा रही थी कि रिश्तेदार लोगों को चाय दे दो, पानी दे दो। मैं पहले गुस्सा करता लेकिन फिर जाकर सभी का काम करता। वह सब्जी की खुशबू और सेवइयां को देखकर मुंह में आने वाली वह पानी मेरे मन को अच्छी तरह मोह देती थी।


मैं जल्द से जल्द खाना चाहता था लेकिन मम्मी मुझे दे नहीं रही थी। शायद वह मेरे साथ खेल रही थी लेकिन यह मुझे नहीं पता था। जब रात हुई और जब भैया अभी आया खाना। तो उसके साथ मुझे खाना दिया गया था।


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