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VJ Khan

Inspirational

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VJ Khan

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झूठी महत्वाकांक्षा (भाग-1)

झूठी महत्वाकांक्षा (भाग-1)

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जंगल में सभी पशुओं को एकत्र कर सबका इम्तिहान लिया जा रहा है और पेड़ पर चढ़ने की क्षमता देख कर रैंक निकाली जा रही है।यह शिक्षा व्यवस्था, ये भूल जाती है कि इस प्रश्नपत्र में तो बेचारा हाथी का बच्चा फेल हो जाएगा और बन्दर फर्स्ट आ जाएगा।अब पूरे जंगल में ये बात फैल गयी कि कामयाब वो है जो झट से पेड़ पर चढ़ जाए।बाकी सबका जीवन व्यर्थ है।


इसलिए उन सब जानवरों के, जिनके बच्चे कूद के झटपट पेड़ पर न चढ़ पाए, उनके लिए कोचिंग इंस्टीटुड खुल गए, वहां पर बच्चों को पेड़ पर चढ़ना सिखाया जाता है।चल पड़े हाथी, जिराफ, शेर और सांड़, भैंसे और समंदर की सब मछलियाँ चल पड़ीं अपने बच्चों के साथ,कोचिंग इंस्टीटुड की ओर ........हमारा बिटवा भी पेड़ पर चढ़ेगा और हमारा नाम रोशन करेगा।


हाथी के घर लड़का हुआ ....... तो उसने उसे गोद में ले के कहा- "हमरी जिन्दगी का एक ही मक़सद है कि हमार बिटवा पेड़ पर चढ़ेगा।" 


और जब बिटवा पेड़ पर नहीं चढ़ पाया, तो हाथी ने सपरिवार ख़ुदकुशी कर ली।


अपने बच्चे को पहचानिए।

वो क्या है, ये जानिये।


हाथी है या शेर ,चीता, लकडबग्घा , जिराफ ऊँट है

या मछली , या फिर हंस , मोर या कोयल ?

क्या पता वो चींटी ही हो ?


और यदि चींटी है आपका बच्चा, तो हताश निराश न हों।

चींटी धरती का सबसे परिश्रमी जीव है और अपने खुद के वज़न की तुलना में एक हज़ार गुना ज्यादा वजन उठा सकती है। 


इसलिए अपने बच्चों की क्षमता को परखें और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें.... ना कि भेड़ चाल चलाते हुए उसे हतोत्साहित करें ......

*"क्योंकि किसी को शहनाई बजाने पर भी भारत रत्न से नवाज़ा गया है"*


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