इश्क़
इश्क़
बाएं हाथ में गिलास, दाएं हाथ में तुम्हारी तस्वीर, हर रात की तरह आज भी, तुम्हारी याद आयी है !
आधी रात का सन्नाटा, सुनसान सड़कें और कमरा भी खाली।
सिर्फ और सिर्फ बोतल से गिलास में गिरती शराब की आवाज़
और उस आवाज़ के बीच में,
आज फिर से तुम्हारी आवाज़ सुनाई दे रही है।
सामने वाली उस खाली दीवार पर तुम्हारा मुस्कुराता हुआ चेहरा दिखाई दे रहा है।
6 साल, 8 महीने और 17 रातें काट ली हैंमगर आज भी जब लोगों से मिलता हूं तो वो यही कहते हैं कि
"यादों के सहारे ज़िंदगी नहीं जी जाती।"
पागल दुनिया, हमारे प्यार को आज भी नहीं समझती !