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गरीब ईमान

गरीब ईमान

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"गरीब के ईमान पर भरोसा न होगा तो किसपे होगा ?"

एक नई अनजानी मगर आश्वस्त आवाज।

महसूस हुआ कि ईमान और गरीबी का साथ जमाने में भरोसे का प्रतीक है। अमीरों का साथ या तो ईमान को पसंद नहीं या अमीरी का साथ उसके ही अस्तित्व को संदेहास्पद बना जाता है। इसी चक्कर में ईमान भी गरीब बना बैठा है !


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