घुटन एक अहसास
घुटन एक अहसास
एक रानी नाम कि एक लड़की थी। रानी बहुत अच्छे खानदान की बेटी थी। सब लोग बड़े प्यार से रहते थे । वो बारहवीं पास होने के बाद कुछ कोर्स करने दूसरे सिटी में गई।
जब वह उस सिटी (शहर )पैर रखी वह भगवान से प्रार्थना करने लगी कि मेरा एडमिशन यहां ना हो करके , लेकिन उसके कहने से थोड़ी न कुछ होने वाला था , उसका एडमिशन हो गया।
उनके साथ उनके पापा गए थे। वो बहुत खुश हुए ,और बाकी उनके परिवार वालों को भी पता चला तो वो लोग भी बहुत खुश हुए, बस दुख इस बात का था कि उनकी बेटी उनसे कोर्स होते तक उन लोगों से दूर रहेगी। रानी को भी इसी बात का दुख था। रानी अपने परिवार में ही खुश रहती थी , वो कभी भी अकेले किसी रिश्तेदार के घर नहीं रुकी थी, और आज वो अकेली इतनी दूर अकेली है करके सब परिवार के लोग दुखी थे ।
रानी किराए के मकान में रहती थी। रानी बहुत रोती थी इसलिए उसके पापा वहीं रहते थे , रानी के साथ। जब उसकी सहेलियां उसे बोली की कब तक अपने पापा को यहां रखेगी उन्हें घर जाने दे करके तो बड़ी हिम्मत जुटा कर रानी ने अपने पापा से कहां कि बन मैं यहां रह लूंगी आप घर चले जाव करके तो पापा ने उसकी बात मान ली
अगले दिन सुबह उसके पापा तैयार हुए , रानी को कॉलेज में छोड़ा फिर उससे विदा लेकर घर के लिए रवाना हुए। रानी कॉलेज तो गई थी लेकिन उसका ध्यान उसके पापा के साइड था। जब क्लास में प्रार्थना चल रही थी तो रानी के आंख में आंसू आ गए और वो अपने आंसू रोक नहीं पाई और रोने लगीं ।
सब लोग उसे चुप कराए, तब जा के रानी का आंसू रुका। पापा को गांव आए थे सिर्फ दो दिन हुआ था और रानी भागकर अपने घर आ गई। दरअसल उसके कॉलेज में रैगिंग होता था , सीनियर के सामने कुछ बोलना नहीं रहता था और हाथ पीछे करके खड़े रहना था । वो तो कभी ऐसे माहौल में नहीं रही थी इसलिए वो खूब रोती थी।
जब घर में आई तो सब लोग रानी को बहुत समझाएं । रानी समझ गई और अपने मां पापा के साथ फिर कॉलेज पहुंची। तीन माह तक वो लोग किराए के मकान में रहे, उसके बाद रानी को हॉस्टल मिल गया फिर वो हॉस्टल में सिफ्ट हो गई । वहां तो मोबाइल भी अपने पास रखना मना था , अब वह बेचारी अब वो बेचारी क्या करती अकेला फील करती रहती और रोती रहती।
रानी अब रोज संडे का इंतजार करती चौकी उस दिन दोपहर को 2:00 बजे मोबाइल यीशु होता था । जब मोबाइल रानी के हाथ में आता था तो वह दोपहर से शाम तक मोबाइल में ही लगी रहती जब तक जमा ना हो। कुछ दिन बाद बातों से फाइल वर्क मिला तो वह अपना पूरा ध्यान मोबाइल उस फाइल में लगाती और टाइम पास करती।
कुछ लोग क्लास वाले मोबाइल को छुपाकर रखते थे लेकिन रानी, मैडम के डर से मोबाइल नहीं रखी थी हॉस्टल में ही की थी। रानी रात में ढाई 3:00 बजे दूसरे के मोबाइल से घर में बात करती थी। रानी रोजाना कैलेंडर देखती की कितने दिन बाकी है छुट्टी होने में ज जब छुट्टी होने का समय आता था तो वह बहुत एक्साइटेड होती थी घर जाने के लिए रानी सुबह 4:00 बजे तैयार हो जाती थी घर जाने के लिए ( त्योहार समय ) । घर में आती तो उसे सपना जैसे लगता था ।
वो अपनो के साथ खूब मस्ती करती जब तक कि उसकी छुट्टियां खत्म नहीं हो जाती। जब हॉस्टल जाने का समय आता था तो वह खूब रोती। वहां जाने के बाद वो कुछ दिन तक दुखी रहती फिर सबके साथ मिल जाती । रानी के क्लास वाली लड़कियां बहुत ही शरारती अंदाज के थे । हमेशा कुछ बड़ा कांड कर देते थे फिर मैडम और सीनियर का गुस्सा सबको झेलना पड़ता था। रानी अपने क्लास वालों से बहुत परेशान रहती थी।
ये बहुत सीधी साधी लड़की थी इसलिए सब इसे कुछ भी बोल कर चले जाते थे, और रानी अपने मां पापा से बात कर रोती रहती थी। परिवार वालों से रानी का रोना देखा नहीं जाता था , जब वो लोग बोलते की हम लोग आ रहे हैं तो रानी उन्हें आने ही नहीं देती थी, मना कर देती थी। क्लास के मैडम लोग रानी को बहुत पसंद करती थी। लेकिन बाकी लड़कियों को उससे जलन होती थी।
जब उसके सीनियर लोग का कोर्स खत्म हुआ और नए जूनियर्स आए तो उन लोगों को दूसरे रूम में शिफ्ट होना पड़ा। जिन लोगों के साथ रानी रहना नहीं चाहती थी वहीं रानी को रहना पड़ा । कुछ दिन बाद रानी को एहसास हुआ कि वो लोग बहुत अच्छे हैं। वो बहुत खुश हुई की उसे कोई सपोर्ट करने वाले मिले। अब उसके कोर्स को आठ माह बस बचे थे।
रानी उन लोगों के साथ खूब मस्ती करती थी, थोड़े ही महीने बचे थे, उनके कोर्स को। रानी मोबाइल भी साथ में रखती थी, क्योंकि अब वो सीनियर बन चुकी थी इसलिए ।(लेकिन छुपा कर रखती थी) कुछ लोग अभी भी रानी के दिल को धक्का पहुंचाते , लेकिन वो हिम्मत से काम लेती थी। रानी का कोर्स पूरा होने के बाद वो अपने परिवार के साथ हंसी खुशी के साथ रहने लगी।
दोस्तों यह कहानी पूर्णतः सत्य है यह दुख भरी घटना मेरे साथ हो चुका है
धन्यवाद
